गौरी लंकेश की हत्या पर पत्रकारों ने जताया ‘आक्रोश’

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कर्नाटक के बेंगलुरू में वरिष्ठ पत्रकार और कन्नड़ टैब्लॉयड ‘लंकेश पत्रिके’ की संपादक गौरी लंकेश की हत्या को लेकर देश के अन्य हिस्सों की तरह मध्य प्रदेश के भी बुद्घिजीवियों और पत्रकारों में रोष है। लंकेश की हत्या को सच्चाई बयां करने वालों की आवाज दबाने की कोशिश बताया गया है।

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अपने खिलाफ एक शब्द सुनना पसंद नहीं

राजधानी के रवींद्र भवन के बगीचे में हुई सभा में पत्रकारों ने लंकेश के लेखन, उनकी निडरता की प्रशंसा करते हुए कहा कि किस हद तक लोग पहुंच गए हैं, जिन्हें अपने खिलाफ एक शब्द सुनना पसंद नहीं है। जो ऐसा करता है उसे मार दिया जाता है।

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ऐसी ही कई घटनाएं घट चुकी हैं

कर्नाटक में इससे पहले भी ऐसी ही कई घटनाएं घट चुकी हैं।शोकसभा में वरिष्ठ पत्रकार दीपक तिवारी, बृजेश राजपूत, मनोज शर्मा, राकेश दीक्षित, हेमेंद्र शर्मा, अनुराग द्वारी, राजू कुमार, विनय द्विवेदी, रूबी सरकार, सरमन नगेले, पवन देवलिया, इरशाद खान सहित कई लोगों ने गौरी लंकेश को श्रद्दा सुमन अर्पित किए।

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एक वर्ग के लोग उनके दुश्मन बन बैठे

सभी का मानना था कि यह गौरी की हत्या नहीं है, बल्कि उन लोगों पर हमला है, जो सच के रास्ते पर चलते हुए समाज विरोधी तत्वों के चेहरों को बेनकाब करने में लगे हुए हैं। आज सच सुनना और अपनी आलोचना सुनना किसी को पसंद नहीं है, जबकि गौरी लंकेश उसी काम को कर रही थीं। उन्होंने कई मामले उठाए, जिसके चलते एक वर्ग के लोग उनके दुश्मन बन बैठे।

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