क्या है mRNA तकनीक, जिसकी मदद से रूस ने तैयार की कैंसर वैक्सीन ?
देश ही नहीं बल्कि दुनिया भी कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही है. इसी दौरान रूस के ऐलान हर किसी को नई उम्मीद की किरण देने का काम किया है. जी हां, रूस ने कैंसर की वैक्सीन तैयार करने का ऐलान किया है. इसके साथ ही रूस की यह खोज सदी की सबसे बड़ी खोज के तौर पर देखी जा रही है. इसकी जानकारी रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय के रेडियोलॉजी मेडिकल रिसर्च सेंटर द्वारा दी गई है. वहीं रूस की न्यूज एजेंसी TASS के अनुसार इस वैक्सीन को 2025 में रूस के नागरिकों के लिए फ्री में उपलब्ध कराया जाएगा.
आपको बता दें कि यह वैक्सीन mRNA तकनीक द्वारा निर्मित की गई है, जो कैंसर को मात देने के लिए तैयार की गई पहली वैक्सीन है. वहीं बता दें कि यह वही तकनीकी है जिसकी मदद से कोरोना की वैक्सीन को तैयार किया गया था. इसके साथ ही बड़ा सवाल यह है कि आखिर mRNA तकनीक क्या है, इससे जुड़े खतरे और फायदे क्या हो सकते हैं ?
mRNA तकनीक क्या है ?
यूके में फाइजर और बायोएनटेक ने कोरोना वैक्सीन मैंसेजर- RNA यानी mRNA तकनीक पर तैयार किया गया था. यह पहली बार था जब दुनिया में mRNA तकनीक पर आधारित वैक्सीन तैयार की गई थी. mRNA तकनीक में वैक्सीन शरीर को कोरोना वायरस के बारे में जानकारी देती है, जिससे शरीर उस वायरस से लड़ने के लिए तैयार हो जाता है. इस नई तकनीक ने कोरोना महामारी से लड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और वैश्विक स्तर पर इसके इस्तेमाल से कई लोगों की जान बचाई गई.
mRNA का क्या है फुलफॉर्म
mRNA का फुल फॉर्म – मैसेंजर – RNA होती है, यह मानव द्वारा जेनेरेट एक प्रकार को कोड का एक छोटा हिस्सा होता है, जो हमारी कोशिकाओं में प्रोटीन बनाती है. इसको इस प्रकार से भी समझा जा सकता है कि मानव शरीर पर जब भी कोई वायरस या बैक्टीरिया हमला करता है तो mRNA तकनीकी हमारी कोशिकाओं को उससे लड़ने के लिए प्रोटीन तैयार करने का मैसेज भेजती है. उसी प्रकार इस तकनीक का उद्देश्य इम्यून सिस्टम को वायरस से लड़ने के लिए एंटीबॉडी बनाने और टी-सेल्स को सक्रिय करके संक्रमित कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए प्रेरित करना है. इससे इम्यून सिस्टम को जहां जरूरी प्रोटीन मिल जाते हैं वहीं शरीर में एंटीबॉडी भी विकसित हो जाती है. इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह पारंपरिक वैक्सीनों के मुकाबले बहुत तेजी से वैक्सीन तैयार कर सकती है. इसके अलावा, यह शरीर की इम्युनिटी को भी मजबूत करती है.
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mRNA को क्यों बताया जा रहा है खतरा ?
फाइजर और मॉडर्ना की वैक्सीनेशन mRNA तकनीक पर आधारित थी और इस पर कई वैज्ञानिकों ने सवाल उठाए थे, जिनमें रॉबर्ट एफ. कैनेडी जूनियर का नाम प्रमुख है. रॉबर्ट एफ. कैनेडी जूनियर का कहना था कि इस तकनीक में वैक्सीन सीधे मरीज के जेनेटिक मटेरियल के साथ छेड़छाड़ करता है, जिससे उसमें बदलाव हो सकता है. हालांकि, कई विशेषज्ञ इससे सहमत नहीं हैं. उनका कहना है कि वैक्सीन को क्लिनिकल ट्रायल्स के आधार पर लाइसेंस मिलता है, जिसमें शॉर्ट-टर्म सेफ्टी जांची जाती है. ट्रायल्स में किसी भी प्रकार के साइड इफेक्ट्स नहीं पाए गए और यदि वैक्सीन का कोई साइड इफेक्ट होता है, तो वह तुरंत नजर आता है, महीनों या सालों बाद नहीं.
रूस में कैंसर का क्या है हाल ?
रूस को कैंसर से कई गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. दुनिया के अन्य हिस्सों की तरह रूस में भी कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं. यह देश में मृत्यु के दूसरे सबसे बड़े कारण के रूप में सामने आया है, जिसमें हर साल करीब 3,00,000 लोग जान गंवाते हैं. 2022 में, हर एक लाख लोगों में से लगभग 192 मौतें कैंसर के कारण हुईं. इस वर्ष, रूस में 6,35,000 से अधिक कैंसर के मामले रिपोर्ट किए गए. यहां कैंसर के एक तिहाई से ज्यादा मामलों का पता अंतिम चरण में चलता है.