शादी का नया ट्रेंड: कसमों और वादों से दूर ‘फ्रेंडशिप मैरिज’ को अपना रहा युवा…
एक समय था जब शादी के लिए सबसे महत्वपूर्ण चीज़ ‘प्यार’ मानी जाती थी. दो लोग एक-दूसरे से अपने जीवन को साझा करने का वादा करते थे. लेकिन आज के समय में इस प्यार की जगह ‘आजादी’ ने ले ली है. अब युवा शादी तो करना चाहते हैं, लेकिन बिना किसी वादे, कसमों, उम्मीदों, जिम्मेदारियों, प्यार, रोमांस और शारीरिक संबंधों में बंधना नहीं चाहते है. युवाओं की इसी सोच से एक नया ट्रेंड सामने आया है, जिसे ‘फ्रेंडशिप मैरिज’ कहा जाता है. यह ट्रेंड जापान से शुरू हुआ और अब दुनिया भर में युवाओं के बीच लोकप्रिय हो रहा है. इसे आप ‘ओपन मैरिज’ भी कह सकते हैं. आइए जानते है क्या होती है फ्रेंडशिप मैरिज ?
फ्रेंडशिप मैरिज क्या है?
फ्रेंडशिप मैरिज दो अच्छे दोस्तों के बीच की शादी है, जिसमें दोस्ती होती है, लेकिन प्यार, जिम्मेदारी और शारीरिक संबंध जैसी भावनाओं का अभाव होता है. यह नाममात्र की शादी होती है, जिसमें दोनों पार्टनर्स कानूनी रूप से पति-पत्नी होते हैं, लेकिन एक दूसरे के प्रति कोई जिम्मेदारी नहीं होती है. इसमें दोनों साथी अपनी पसंद और मर्जी से दूसरों के साथ भी रिश्ते बना सकते हैं और समय बिता सकते हैं.
पार्टनर कैसे चुनते हैं?
फ्रेंडशिप मैरिज करने वाले अधिकांश कपल्स पहले से अच्छे दोस्त होते हैं, जिससे वे आसानी से एक साथ रह पाते हैं. इस तरह की शादी के फैसले को लेने वाले लोग आमतौर पर पढ़े-लिखे और अच्छे करियर वाले होते हैं. वे अपना खर्चा आपस में साझा करते हैं, एक-दूसरे के खुशियों में शामिल होते हैं और दुख भी बांटते हैं. वे अपने व्यक्तिगत और प्रोफेशनल जीवन को संतुलित करते हैं और एक-दूसरे के जीवन में दखलअंदाजी नहीं करते हैं. इन रिश्तों में कोई कमिटमेंट नहीं होता, और एक-दूसरे से उम्मीदें बहुत कम होती हैं. यदि इन कपल्स को अपने जीवन में बच्चे की आवश्यकता होती है तो वे आईवीएफ का सहारा ले सकते हैं.
भारत में भी तेजी बढ़ा रहा फ्रेंडशिप मैरिज का ट्रेंड
भारत में भी खासकर मेट्रो शहरों में युवा अब फ्रेंडशिप मैरिज के इस ट्रेंड को अपना रहे हैं. वही डिंक्स कपल (डबल इनकम, नो किड्स) के ट्रेंड के बीच अब भारतीय युवा भी इस अवधारणा को पसंद कर रहे हैं. इस तरह की शादी में न तो लड़के और न ही लड़की पर कोई दबाव होता है, जिससे वे अपने करियर पर पूरा ध्यान केंद्रित कर सकते हैं. ऐसे लोग पहले से एक-दूसरे को अच्छे से समझते हैं, इस कारण वे आसानी से एक साथ रह पाते हैं.
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यहां रिश्तों में कोई कमिटमेंट नहीं होता और एक-दूसरे से कोई बड़ी उम्मीदें नहीं होतीं, जिससे जीवन अधिक स्वतंत्र और आरामदायक होता है. खासतौर पर उन युवाओं के लिए यह एक अच्छा विकल्प हो सकता है, जो शादी तो करना चाहते हैं, लेकिन पारंपरिक शादी की जिम्मेदारियों और अपेक्षाओं से बचना चाहते हैं. इसके अलावा, एलजीबीटीक्यू समुदाय के लोग भी इसे अपना रहे हैं, क्योंकि इसमें कोई लिंग या पारंपरिक प्रतिबंध नहीं होते है. इस प्रकार, फ्रेंडशिप मैरिज एक ऐसा विकल्प बन चुका है, जो आज के युवा समाज की सोच और स्वतंत्रता की जरूरतों को पूरी तरह से समझता है।