दिल्ली की जहरीली हवा में फिट और हेल्दी रहने के लिए अपनाएं 5 आयुर्वेदिक टिप्स
देश में ठंड की शुरूआत के साथ ही दिल्ली की हवा में घुलने वाले प्रदूषण की भी शुरूआत हो गयी है, दिल्ली का आलम यह है कि, आधे नवंबर में दिल्ली को मोटी धुंध की चादर ने ढक लिया है, जिससे लोगों का स्वास्थ्य बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है. इससे लोगों को सांस लेने में परेशानी लेने से लेकर गले में जलन तक की दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. अनुमान है कि, देश में जैसे – जैसे सर्दी बढेगी वैसे-वैसे प्रदूषण का स्तर भी खराब होता चला जाएंगा.
ऐसे में आने वाले दिनों में दिल्ली की हवा में सांस लेना भी मुश्किल हो जाएगा. इस स्थित के आने से पहले खुद को उसके लिए तैयार करना और सुरक्षित रखना ही इसका एक मात्र समाधान है, हालांकि, इसकी चिंता करने की जरूरत नहीं है इस दिक्कत से निपटने के लिए आज हम कुछ आयुर्वेदिक उपाय लेकर आए है. जिसको दिनचर्या में शामिल करने के बाद आप इस समस्या से सामना करने के लिए अपने शरीर को तैयार कर सकते है, आइए जानते है कौन से है वो उपाय….
गर्म हल्दी वाला दूध
सोने से पहले एक कप गर्म हल्दी वाला दूध पीना आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत करने का एक सरल और प्रभावी तरीका है. हल्दी में एंटी-इंफ्लामेट्री और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो शरीर के रेसपिरेट्री सिस्टम को शांत करते हैं और प्रदूषण से होने वाली जलन को कम करते हैं. इसके अलावा, हल्दी वाले गर्म पानी से गरारे करने से गले की खराश को राहत मिल सकती है और प्रदूषण के कारण होने वाली सूजन भी कम हो सकती है.
आंवला जूस
सर्दियों में मिलने वाला आंवला विटामिन C से भरपूर होता है, जो प्रदूषण के हानिकारक प्रभावों को कम करने में मदद करता है. आंवला जूस पीने से शरीर की इम्यूनिटी मजबूत होती है और यह सांस लेने में भी मदद करता है. इसके साथ ही आंवला आपकी त्वचा को प्रदूषण से होने वाले नुकसान से भी बचाता है, रोजाना एक आंवला खाने से शरीर को अतिरिक्त लाभ मिलता है.
ऑयल पुलिंग
ऑयल पुलिंग एक प्राचीन आयुर्वेदिक उपाय है, जिसमें नारियल या तिल के तेल को मुंह में 5 मिनट तक घुमाना होता है. यह तरीका आपके मसूड़ों और दांतों के चारों ओर एक सुरक्षा परत बनाता है, जो प्रदूषण से निकलने वाले टॉक्सिन्स और एलर्जी को आपके शरीर में प्रवेश करने से रोकता है. यह आपकी ओरल हेल्थ को बेहतर बनाता है और मुंह को साफ रखता है.
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नीम का पानी
नीम के पानी को अपनी दिनचर्या में शामिल करने से आप अपनी त्वचा और बालों को प्रदूषण के बुरे प्रभावों से बचा सकते हैं. नीम में एंटीबैकटीरियल, एंटीफंगल और एंटी-इंफ्लामेट्री गुण होते हैं, जो त्वचा और बालों को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं. नीम की पत्तियों को पानी में उबालकर ठंडा करके नहाने के पानी में डालें. यह उपाय आपकी त्वचा को साफ रखेगा और प्रदूषण से सुरक्षा प्रदान करेगा.
अनुलोम-विलोम प्राणायाम
अनुलोम-विलोम एक प्रभावशाली प्रैक्टिस है, जो फेफड़ों को मजबूत बनाती है, इम्यूनिटी को बढ़ाती है और सांस की नली को साफ करती है. यह हर रोज़ 10-15 मिनट तक करने से फेफड़ों की क्षमता में सुधार हो सकता है और शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद मिल सकती है. यह प्रैक्टिस प्रदूषण के प्रभावों से बचाव और सांस लेने की प्रक्रिया को बेहतर बनाने में सहायक है.