Waqf board bill: बोहरा समुदाय ने JPC बैठक में की बड़ी मांग, कहा- वक्फ बोर्ड से बाहर रखा जाए हमें

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वक्फ संशोधन विधेयक-2024 को लेकर जारी सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच विवाद के बीच, दाऊदी बोहरा समुदाय ने मंगलवार को जेपीसी (संयुक्त संसदीय समिति) की बैठक में खुद को वक्फ बोर्ड के दायरे से बाहर रखने की मांग की. इस पर समुदाय की ओर से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने तर्क रखा कि वक्फ बोर्ड की शक्तियाम दाऊदी बोहरा समुदाय के बुनियादी अधिकारों के खिलाफ हो सकती हैं, जिससे उनकी धार्मिक मान्यताओं और प्रबंधन में हस्तक्षेप हो सकता है.

साल्वे ने क्या कहा?

साल्वे ने दाऊदी बोहरा समुदाय की विशिष्टता को सुप्रीम कोर्ट के कई फैसलों के संदर्भ में रेखांकित किया, जिसमें समुदाय की अलग पहचान और इसके आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप से बचने की बात कही गई है. उन्होंने स्पष्ट किया कि वक्फ बोर्ड को इस समुदाय की संपत्तियों और इबादत भूमि में कोई हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए. समुदाय का तर्क है कि वक्फ बोर्ड की शक्तियां इनकी धार्मिक स्वतंत्रता और आंतरिक मामलों पर नकारात्मक असर डाल सकती हैं.

साल्वे ने यह भी कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक-2024 में दाऊदी बोहरा समुदाय की विशिष्टता का पर्याप्त ध्यान नहीं रखा गया है. इसके अलावा, अन्य संगठनों जैसे अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद, अन्वेषक और छात्र संगठनों ने भी इस विधेयक पर अपनी राय दी. हालांकि इन संगठनों ने विधेयक का सामान्य समर्थन किया, साथ ही कुछ संशोधन की मांग भी की.

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इस बीच, जेपीसी की बैठक में सत्ता पक्ष और विपक्षी सांसदों के बीच तीखी बहस हुई. विपक्षी सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात कर आरोप लगाया कि जेपीसी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल मनमाने तरीके से बैठकें बुला रहे हैं और ऐसे लोगों को बोलने का मौका दे रहे हैं जिनका वक्फ से कोई लेना-देना नहीं है. विपक्षी सांसदों ने यह भी कहा कि उन्हें अपनी बात रखने का उचित मौका नहीं मिल रहा.

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