आईआईटी (बीएचयू) की छात्राओं ने BIOE3 नीति जागरूकता अभियान प्रतियोगिता में जीते पुरस्कार
वाराणसी: आईआईटी (बीएचयू) वाराणसी के School of Biochemical Engineering की शोध छात्राएं शिवांगी केसरवानी और चेल्सी नारंग ने भारत सरकार के BIOE3 (Biotechnology for Economy, Environment, and Employment) नीति जागरूकता अभियान प्रतियोगिता में पुरस्कार जीते हैं. यह प्रतियोगिता भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग (DBT), नई दिल्ली और जीवन विज्ञान संस्थान (BRIC-ILS) भुवनेश्वर द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित की गई थी, जिसका उद्देश्य छात्रों और शोधकर्ताओं के बीच बायोE3 नीति के प्रति जागरूकता फैलाना था.
“कार्बन को कैद कर के, प्रकृति को आज़ाद करेंगे”
शोध छात्रा शिवांगी केसरवानी ने “कार्बन को कैद कर के, प्रकृति को आज़ाद करेंगे” स्लोगन प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया. इस स्लोगन ने कार्बन कैप्चर तकनीकों का सार खूबसूरती से प्रस्तुत किया, जो बायोE3 पहल के उद्देश्य के अनुरूप है, जिसमें उत्सर्जन को कम करना और पर्यावरण को पुनर्जीवित करना शामिल है. वहीं, चेल्सी नारंग ने “वेस्ट मैनेजमेंट इन लॉन्ग-टर्म स्पेस मिशन्स: एन एनालिसिस” शीर्षक पर निबंध प्रतियोगिता में पुरस्कार जीता. स्पेस मिशन्स में अपशिष्ट प्रबंधन पर उनके विश्लेषण ने बायोE3 के पर्यावरण, आर्थिक और रोजगार-आधारित चुनौतियों के प्रति नवाचारी समाधान की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान किया है. आईएलएस के निदेशक डॉ. देबासिश ने इन दोनों विजेताओं की घोषणा की और उन्हें सम्मानित किया.
यह है शोध समूह का क्षेत्र
School of Biochemical Engineering के सहायक प्रोफेसर डॉ. विशाल मिश्रा ने कहा, “हमारे शोध समूह का कार्य जल पुनर्चक्रण, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, सस्टेनेबल टेक्नोलॉजीज़, खाद्य इंजीनियरिंग, गंगा नदी के जल पुनर्जीवन, बायोरेमेडिएशन और बायोमास वेलोराइज़ेशन के क्षेत्र में है. सरकार की स्वच्छ भारत मिशन और नमामि गंगे मिशन के तहत हमारे द्वारा विकसित की गई तकनीकें और उत्पाद अब ट्रांसलेशनल गतिविधियों के रूप में लागू की जा रही हैं.”