देसी के आगे फीका हुआ विदेशी…बाजारों में नहीं बिका चीनी सामान…

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भारत की बाजारों में पिछले कई सालों से देशी सामानों की मांग की चलते चीनी सामानों की मांग कम होती जा रही है. खासकर डेकोरेटिंग आइटम्स की बिक्री पहले के मुकाबले काफी घटी है. डिमांड कम होने से आयात भी कम हो रहा है, जिससे घरेलू सामानों की बिक्री बढ़ रही है.

देश में दिख रहा “वोकल फॉर लोकल” का असर… ठप रहा चीनी बाजार का कारोबार…

बता दें कि, देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा चीनी सामान के बहिष्कार के लिए देश में ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान की शुरुआत की थी जिसका असर अब धीरे- धीरे बाजार में दिखने लगा है. चीनी सामानों की बिक्री अब लगातार घट रही है. यही कारन है कि अब लोग इस दिवाली में देशी सामान ज्यादा खरीद रहे है. खासकर लोग इलेक्ट्रॉनिक्स सजावट के सामान ‘मेड इन इंडिया’ देखकर ही खरीद रहे हैं.

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कैट ने देश के व्यापारिक संगठनों से किया आग्रह

गौरतलब है कि इस दिवाली, कैट ने देश के व्यापारिक संगठनों से किया आग्रह किया है कि इस बार वह अपने क्षेत्र की जो महिलाएं, कुम्हार, कारीगर सहित अन्य लोग दीपावली से संबंधित सामान बना रहे हैं, उनकी बिक्री में वृद्धि करने में सहायता करें. इससे लोगों में जागरूकता बढ़ेगी जिसका असर यह हुआ है कि इस बार चीनी बाजार को 1.25 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है.

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सोने- चांदी की खूब खरीददारी…

बता दें, भारतीय परंपरा में दिवाली और धनतेरस पर जमकर खरीदारी की जाती है. इस दिन खासतौर पर लोग सोने-चांदी के आभूषण और अन्य वस्तुएं, सभी प्रकार के बर्तन,रसोई का सामान, वाहन, कपड़े और रेडीमेड गारमेंट, इलेक्ट्रॉनिक्स, बिजली का सामान एवं उपकरण, व्यापार करने के उपकरण जैसे कंप्यूटर एवं कंप्यूटर से जुड़े उपकरण खरीद रहे है.

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