महाराजा एक्सप्रेस – वाराणसी में अतिथि देवो भव: परम्परा का विस्तार, मेहमानों का ढोल-नगाड़े के साथ स्वागत
वाराणसी में महाराजा एक्सप्रेस का आगमन..
भारत में अतिथि देवो भव: की प्रथा हमेशा से चली आ रही है. जैसे हम घर में देव की पूजा अर्चना और सत्कार करते हैं वैसे ही अतिथि की सेवा भी की जाती है. वहीं पर्यटन की दृष्टिकोण से शुक्रवार का दिन भी वाराणसी के लिए विशेष रहा, क्योंकि नए सीजन की शुरुआत होते ही महाराजा एक्सप्रेस का आगमन हुआ.
यूपी टूरिज्म के डिप्टी डायरेक्टर आर के रावत ने महाराजा एक्सप्रेस से आए विदेशी अतिथियों को पुष्पगुच्छ देकर रेड कारपेट पर स्वागत किया. पं. अखिलेश तिवारी और पं. दीपक पांडेय ने मंगलाचरण के साथ उनका तिलक किया. वहीं, शंखनाद की ध्वनि से उन्हें वाराणसी के आध्यात्मिक स्वरूप का अहसास कराया गया.
यूएसए, कनाडा और यूके के पर्यटकों का भव्य स्वागत
ढोल-नगाड़े के साथ विदेशी मेहमानों के स्वागत में फूलों की वर्षा भी हुई. ट्रेन में यूएसए, कनाडा और यूके के पर्यटक थे. इनमें ज्यादा संख्या अमेरिकी पर्यटकों की थी. स्टेशन पर वेलकम के बाद सभी नदेसर स्थित होटल ताज पहुंचे.
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इसके बाद सारनाथ के लिए रवाना हुए. सारनाथ में पुरातात्विक अवशेषों के माध्यम से भगवान बुद्ध के जीवन दर्शन से अवगत हुए. इसके बाद पर्यटकों का दल नमो घाट पहुंचा जहां बजड़े पर सवार होकर सभी गंगा विहार करते हुए दशाश्वमेध घाट पहुंचे.
इन लोगों की रही उपस्थिति
आरती सम्पन्न होने के बाद मेहमानों का दल फिर से बनारस स्टेशन पहुंचा. जहां से महाराजा एक्सप्रेस द्वारा दूसरे गंतव्य के लिए प्रस्थान किए. अतिथियों के स्वागत के अवसर पर आईआरसीटीसी के स्थानीय प्रबंधक संजीव गुप्ता, पर्यटन सूचना अधिकारी अनिल सिंह, स्टेशन अधीक्षक विवेक सिंह, मुकेश सांगवान व ट्रैवल ओसियन के डायरेक्टर अभिषेक सिंह, विक्रम मेहरोत्रा आदि मौजूद रहे.
बता दें 29 सितंबर को नई दिल्ली से विदेशी सैलानियों को लेकर चली महाराजा एक्सप्रेस जयपुर, रणथंबोर, फतेहपुर सीकरी, आगरा ओरछा, खजुराहो होकर छठवें दिन बनारस स्टेशन पहुंची थी.