क्या मतदान से पहले कुमारी शैलजा को मिल गया सोनिया गांधी का भरोसा, अब हुड्डा का क्या होगा?
कांग्रेस ने हरियाणा में चुनावी कैंपेन की शुरुआत तो पूरे दमखम के साथ की थी, लेकिन, धीरे-धीरे पार्टी के अंदर की अंतर्कलह खुलकर लोगों के सामने आ गई. एक तरफ पार्टी के वरिष्ठ नेता और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का खेमा था तो दूसरी तरफ रणदीप सुरजेवाला के समर्थक. इस सबसे भी ज्यादा कांग्रेस पार्टी के भीतर जिसकी नाराजगी की चर्चा सबसे ज्यादा रही, वह हैं सांसद कुमारी शैलजा. जिनका खेमा अलग ही अंदाज में इस चुनाव के दौरान नजर आया.
कुमारी शैलजा की पार्टी से नाराजगी तो इसी बात से जाहिर हो गई थी कि वह चुनाव प्रचार शुरू होने के पहले हफ्ते लगभग पूरे सीन से ही बाहर थीं. हालांकि, बाद में वह पार्टी के प्रचार में जुड़ीं. लेकिन, उनके भीतर उस किस्म का उत्साह कम ही देखने को मिला. हालांकि, राहुल गांधी ने मंच से कुमारी शैलजा और भूपेंद्र सिंह हुड्डा का हाथ मिलवाकर पार्टी के एकजुटता का संदेश देने की कोशिश जरूर की थी.
सोनिया गांधी से की मुलाकात
अब खबर आई कि हरियाणा में विधानसभा चुनाव प्रचार के आखिरी दिन कुमारी शैलजा कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी से उनके आवास पर मुलाकात करने पहुंची और दोनों की यह मुलाकात 30 मिनट तक चली.
कुमारी शैलजा, सोनिया गांधी से मिलने के लिए अकेले ही 10 जनपथ पहुंची थी. ऐसे में इस मुलाकात के खास मायने निकाले जा रहे हैं. दरअसल, कुमारी शैलजा ने जब हरियाणा में नाराजगी के बाद चुनाव प्रचार शुरू भी कर दिया, उसके बाद भी पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा से उनकी नाराजगी कम होती नजर नहीं आई.
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हालांकि, सोनिया गांधी और कुमारी शैलजा के बीच क्या बातचीत हुई, इसके बारे में अभी कोई जानकारी निकलकर सामने नहीं आई है. लेकिन, राजनीति के जानकार मान रहे हैं कि सोनिया गांधी ने उन्हें पार्टी में एकजुटता बनाए रखने और पार्टी की तरफ से भविष्य में अहम भूमिका मिलने का आश्वासन जरूर दिया होगा.