बारिश में भी गोमती का ‘दामन’ मैला

0

बारिश यूं तो कुदरती रूप से नदियों की गंदगी बहा ले जाती है, लेकिन गोमती की गंदगी बारिश भी न धो सकी। अगस्त माह में झमाझम बारिश के चलते प्राय: पानी को तरसने वाली गोमती में पानी तो नजर आ रहा है, लेकिन इसका दामन अब भी मैला है। केंद्रीय जल आयोग द्वारा की जाने वाली रियल टाइम वॉटर क्वालिटी मॉनीटरिंग के अनुसार गोमती में जहां घुलित आक्सीजन (डीओ) मात्र 1.96 मिली ग्राम प्रति लीटर मिली है वहीं जीवाणु लाखों की संख्या में मौजूद हैं।

जीवाणुओं की संख्या एक लाख 20 हजार पाई गई

यही नहीं, बायोकेमिकल आक्सीजन डिमांड (बीओडी), केमिकल आक्सीजन डिमांड (सीओडी) की स्थिति भी बेहद चिंताजनक है। 1अगस्त माह की मॉनीटरिंग पर नजर डालें तो नदी जल में डीओ 1.96 मिली ग्राम प्रति लीटर रिकार्ड की गई, जबकि नदी में डीओ मानक के अनुसार पांच मिग्रा. प्रति लीटर होना चाहिए। तभी उसे नहाने योग्य माना जाता है।

read more :  पुराने कार्ड, कलैंडर से ‘रीमिक्स’ बचा रहे है पर्यावरण

गोमती में सीवेज के साथ-साथ शहर भर की गंदगी पहुंचना बदस्तूर जारी

वहीं बीओडी मानक तीन के मुकाबले कई गुना अधिक 11.70 मिग्रा. प्रति लीटर पाई गई। यही नहीं बारिश में जब नदी में बहाव अधिक होता है तब फीकल कॉलीफार्म (मलजनित जीवाणु) की संख्या 80 हजार और कुल जीवाणुओं की संख्या एक लाख 20 हजार पाई गई। मतलब साफ है कि गोमती में सीवेज के साथ-साथ शहर भर की गंदगी पहुंचना बदस्तूर जारी है। चिंताजनक यह है कि झमाझम बारिश भी गोमती का प्रदूषण नहीं धो सकी।

मॉनीटरिंग स्टेशन स्थापित किया गया है

ऐसे रखी जाती है प्रदूषण पर नजर केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) द्वारा खाटू श्याम मंदिर के बगल में नदी में स्वचालित (ऑटोमेटिक) मॉनीटरिंग स्टेशन स्थापित किया गया है। इस मॉनीटरिंग स्टेशन के तार लखनऊ स्थित सीडब्ल्यूसी आफिस से जुड़े होने के साथ-साथ दिल्ली स्थित आयोग के आफिस से जुड़े हैं। यानी गोमती में प्रदूषण की स्थिति पर दिल्ली में बैठे अधिकारी भी नजर रख रहे हैं। दरअसल, गोमती गंगा की सहायक नदी है।

read more :  ‘जुड़वा 2’ का गाना ‘सुनो गणपति बप्पा मोरया’ रिलीज

गोमती में लगा रियल टाइम वॉटर क्वालिटी मॉनीटरिंग से शिकायत

गंगा की सेहत दुरुस्त रहे इसके लिए जरूरी है कि गोमती में भी प्रदूषण नियंत्रित रहे। यही वजह है कि आयोग व केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा गंगा, गोमती, रामगंगा आदि नदियों पर 13 रियल टाइम वॉटर क्वालिटी मॉनीटरिंग स्टेशनों (आरटीडब्ल्यूक्यूएमएस) की स्थापना की गई है। यह स्टेशन अबाध रूप से चलते रहें इसलिए इसमें सोलर पैनल भी लगाए गए हैं। आयोग के मध्य गंगा प्रभाग प्रथम द्वारा गोमती व रामगंगा नदी की रियल टाइम मॉनीटरिंग की जाती है।गोमती में लगा रियल टाइम वॉटर क्वालिटी मॉनीटरिंग आमतौर पर लोगों को शिकायत रहती थी कि राजधानी में बादल कम बरसते हैं, लेकिन इस बार हुई झमाझम बरसात ने लोगों की यह शिकायत दूर कर दी है।

बारिश का सिलसिला सितंबर माह में भी चलता रहेगा

आंकड़े बताते हैं कि इस बार अकेले अगस्त माह में 440 मिमी बारिश रिकॉर्ड हुई है, जो कुल सीजन में होने वाली सामान्य बारिश (835 मिमी.) का 50 फीसद से ज्यादा है। मौसम विभाग के अनुसार जून से अब तक कुल 1054.3 मिमी. बारिश हो चुकी है, जो कि सामान्य के मुकाबले कहीं अधिक है। यही नहीं बारिश का सिलसिला सितंबर माह में भी चलता रहेगा। मौसम विज्ञानियों के अनुसार इस बार अच्छी बात यह रही कि बारिश का सिलसिला जुलाई से लेकर अगस्त तक अनवरत चलता रहा।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)

 

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More