गंगा के जलस्तर में 20 सेमी प्रति घण्टा हो रही वृद्धि, जिला प्रशासन ने एडवाइजरी जारी की

गंगा नदी का जलस्तर 66.82 मीटर था, जिसमें 20 सेमी प्रति घण्टा की दर से वृद्धि दर्ज की जा रही है.

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जिले में गंगा के जलस्तर में एक बार फिर लगातर वृद्धि हो रही है. शुक्रवार की रात 8 बजे गंगा नदी का जलस्तर 66.82 मीटर था, जिसमें 20 सेमी प्रति घण्टा की दर से वृद्धि दर्ज की जा रही है. जनपद में गंगा नदी का चेतावनी बिन्दु 70.26 मीटर एवं खतरे का बिन्दु 71.26 मीटर है. घाटों का संपर्क भी एक दूसरे से टूट गया है. वर्तमान में जलस्तर चेतवानी बिन्दु से 03.44 मीटर नीचे है किन्तु बाढ़ की पूर्व तैयारी किया जाना अति आवश्यक है. जिला प्रशासन ने एडवाइजरी जारी कर आम जनमानस से बाढ़ से पूर्व, बाढ़ के दौरान तथा बाढ़ के बाद बरते जाने वाले एहतियात के संबंध में अपील की है.

बाढ़ से पूर्व

* ऊंचे स्थानों को पहले से चिन्हित करें.
* जरूरी कागजात जैसे-राशन कार्ड, बैंक पासबुक, मतदाता पहचान पत्र, आधार कार्ड इत्यादि का वॉटरप्रुफ बैग में सम्भाल कर रखें.
* आवश्यकतानुसार खाद्य सामग्री जैसे-बिस्किट, लाई, भुना चना, गुड़, चूड़ा, नमक, चीनी, सत्तू इत्यादि एकत्र करें.

• बीमारी से बचाव हेतु क्लोरिन, ओ0आर0एस0 तथा आवश्यक दवाईया प्राथमिक उपचार किट में रखें.
* सूखे अनाज एवं मवेसियों के चारे को किसी ऊँचे स्थान पर सुरक्षित रखें.

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• जैरीकैन, छाता, तिरपाल, रस्सी, हवा से भरा ट्यूब, प्राथमिक उपचार किट, मोबाईल व चार्जर, बैटरी चालित रेडियों, टार्च, इमरजेन्सी लाईट, माचिस इत्यादि पहले से तैयार रखें.
• पशुओं में होने वाली बिमारियों के रोकथाम हेतु पशुओं को समय से टीकाकरण करायें.
• जर्जर भवन में न रहें.

बाढ़ के दौरान

* बाढ़ की चेतावनी मिलते ही गर्भवती महिलाओं बच्चों, वृद्धों, दिव्यांगजनों एवं बीमार व्यक्तियों को तुरन्त सुरक्षित स्थान पर पहुचायें.
• घर छोड़ने से पूर्व बिजली का मुख्य स्विच व गैर रेगुलेटर को अनिवार्य रूप से बन्द करें एवं शौचालय सीट को बालू से भरी बोरी से ढकें.
• बाढ़ में डूबे हैंडपम्प के पानी का सेवन न करें.
• उबला हुआ या क्लोरीनयुक्त पानी का उपयोग करें.

• बाढ़ के पानी के सम्पर्क में आयी खाद्य सामग्रियों का सेवन न करें.
• गर्भवती महिलाओं को आशा एवं एएनएम की मदद से सुरक्षित प्रसव की व्यवस्था करें.

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• बिजली के तार, पोल एवं ट्रान्सफार्मर से दूर रहें.
• डंडे से पानी की गहराई की जांच करें, गहराई पता न होने पर उसे पार करने का प्रयास न करें.
• विषैलेजानवरों जैसे-सांप, बिच्छू आदि से सतर्क रहें.
• सांप काटने पर पीड़ित व्यक्ति को तुरन्त नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र ले जाएं.

बाढ़ के बाद

* बाढ़ से क्षतिग्रस्त घरों एवं संरचनाओं में प्रवेष न करें.
• क्षतिग्रस्त बिजली के उपकरणों का प्रयोग न करें.
• क्षतिग्रस्त पुल या पुलिया को वाहन द्वारा पार करने का प्रयास न करें.

• स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा सुरक्षित घोषित करने पर ही बाढ़ में डूबे हैंडपम्प के पानी का उपयोग करें.

महामारी की रोकथाम के लिए बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों एवं घरों के आसपास ब्लीचिंग पॉउडर का छिड़काव करें.
• संक्रामक बीमारियों से बचाव हेतु मरे हुए पशुओं एवं मलबों को एक जगह एकत्र कर जमीन में दबाए.
• सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें.बाढ़ से निपटने के लिए जिला प्रशासन पूर्ण रूप से तैयार है, बाढ़ सम्बन्धी किसी भी प्रकार समस्या, सहायता या जानकारी दूरभाष संख्या पर सम्पर्क कर ली जा सकती है:
0542-2508550
0542-2504170
91400371374.

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