Rain Pattern: जलवायु परिवर्तन से बिगड़ा बरसात का मौसम
यूपी में मानसूनी ट्रफ सामान्य स्थिति में नहीं आएगी तब तक अच्छी बरसात की संभावना कम रहेगी.
70-80 के दशक तक जब पूर्वी हवा चलती थी तो मुसलाधार बारिश होती थी लेकिन अब पूर्वी हवा चलने पर लोग बूंदाबादी के लिए भी तरस रहे हैं. मौसम वैज्ञानिक भी अब मानने लगे हैं कि जलवायु परिवर्तन ने मौसम का पैटर्न बिगाड़ दिया है. पिछले कई दिनों से पूर्वी हवा चल रही है. छिटपुट बादल भी आ रहे हैं लेकिन व्यापक स्तर पर बरसात नहीं हो पा रही है.
मौसम विभाग ने सोमवार को फिर से एकबार एलर्ट जारी करते हुए कहा है कि बंगाल की खाड़ी में एक कम दबाव का क्षेत्र बना है. इसके प्रभाव से अगले तीन-चार दिन पूर्वांचल में अच्छी बरसात होगी.
तब तक अच्छी बरसात की संभावना कम…
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार हालांकि मानसून ट्रफ अभी अपनी सामान्य स्थिति से दक्षिण में बना हुआ है. जब तक यूपी में मानसूनी ट्रफ सामान्य स्थिति में नहीं आएगी तब तक अच्छी बरसात की संभावना कम रहेगी.
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मौसम विभाग के अनुसार सोमवार को अधिकतम तापमान सामान्य से 1.6 डिग्री सेल्सियस अधिक 35.2 तथा न्यूनतम 26.0 रहा. सुबह के समय आर्दता की मात्रा 83 प्रतिशत तथा शाम को भी यह 83 प्रतिशत ही रहा. वहीं हवा पूर्वा चल रही है, छिटपुट बादल भी बने हुए हैं. इस बीच अगर स्थानीय सपोर्ट मिलती है तो कहीं-कहीं हल्की से लेकर सामान्य बरसात हो सकती है.
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वहीं बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव के चलते अगर पूर्वी हवा के साथ नमी आती है तो अगले दो-तीन दिन तेज हवा और गरज चमक के साथ बरसात हो सकती है, वरना इसी तरह का मौसम बना रहेगा.
पूर्वांचल में एक जुलाई से आठ सितम्बर तक सामान्य से 16 प्रतिशत कम हुई बरसात :
प्रदेश में एक जून से आठ सितम्बर तक अनुमानित बारिश 647 मिली मीटर के सापेक्ष में 554 मिमी रिकार्ड की गई, जो सामान्य से 14 प्रतिशत कम है. पूर्वी यूपी में अनुमानित बारिश 683 मिमी के सापेक्ष 576 मिमी रिकार्ड की गई जो जो सामान्य से 16 प्रतिशत कम है.
इसी प्रकार पश्चिमी यूपी अनुमानित बारिश 597 मिमी के सापेक्ष में 523 मिमी रिकार्ड की गई, जो सामान्य से 12 प्रतिशत कम है.