वाराणसी में इंटर माडल टर्मिनल हब के जरिए होगा, कई समस्याओं का खात्मा
वाराणसी कैंट स्टेशन के पास इंटर माडल टर्मिनल हब विकसित करने की तैयारी की जा रही है. इसके बनने के बाद यह सुविधा कटरा, तिरुपति और नागपुर में भी दी जाएगी.
भगवान शिव की नगरी काशी में हर साल दस करोड़ से अधिक की संख्या में पर्यटक घूमने व दर्शन- पूजने करने के लिए आते हैं. उन्हें घूमने, ठहरने और खाने-पीने के लिए परेशान न होना पड़े. इसके लिए वाराणसी कैंट स्टेशन के पास इंटर माडल टर्मिनल हब विकसित करने की तैयारी की जा रही है. इसके बनने के बाद यह सुविधा कटरा, तिरुपति और नागपुर में भी दी जाएगी. जहां पायलट प्रोजेक्ट के रूप में जम्मू के कटरा में 500 करोड़ की परियोजना पर काम शुरू भी हो चुका है.
धार्मिक पर्यटन बढ़ाने की मंशा से भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की कंपनी एनएचएलएम (नेशनल हाईवे लाजिस्टिक्स मैनेजमेंट लि.) ने रेलवे से जमीन मांगी है. इसके तहत रेलवे व बस स्टेशन, रोपवे और जलमार्ग को एक दूसरे से जोड़ा जाएगा, इसके लिए कैंट स्टेशन के पास फुट ओवरब्रिज का निर्माण किया जाएगा.
कमर्शियल काम्प्लेक्स और कई अन्य सुविधाएं
इसके साथ ही नया बस पोर्ट और यात्री कांप्लेक्स भी बनेगा. इसके अलावा कांप्लेक्स में बड़ा होटल, इंटरप्रिटेशन सेंटर और यात्री आरक्षण काउंटर भी होगा. यहां मल्टी लेवल कार पार्किंग के अलावा टैक्सी स्टैंड और कमर्शियल काम्प्लेक्स की सुविधाएं भी दी जाएगी.
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ईवी चार्जिंग स्टेशन, आटो रिक्शा स्टैंड, फूड कोर्ट, रेस्तरां, शौचालय, पेयजल, चिकित्सा सुविधा, आपातकालीन कक्ष, एंबुलेंस, एटीएम और आटो मरम्मत समेत एयरपोर्ट जैसी कई बड़ी सुविधाएं विकसित की जाएंगी. वहीं, साथ ही बुनियादी ढांचे का भी विकास गार्डन, गार्डन और पानी का फव्वारा बनाया जाएगा और सीसीटीवी कैमरे भी लगेंगे.
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आवाजाही संग आर्थिक गतिविधियों में फायदा
कैंट में रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड व रोपवे स्टेशन अगल-बगल हैं. पहले चरण में रोपवे को श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर से जोड़ा जा रहा है. इसी के साथ ही कैंट से नमो घाट तक इसका सर्वे हो चुका है. अगर, यह सुविधा शुरू होगी तो गंगा में जलमार्ग भी जुड़ेगा. हब बनने से माल ढुलाई व यात्रियों की आवाजाही संग आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी. जहां इसकी कल्पना वन स्टाप समाधान के रूप में हुई है. इससे सड़क नेटवर्क पर निर्भर रहने वाले 87 प्रतिशत यात्रियों को लाभ मिलेगा.