अब गंगा बढ़ीं चेतावनी विंदु की ओर, वरुणा सहित सहायक नदियों का बढ़ने लगा जलस्तर

नदियों के तटवर्ती इलाकों के लोगों की बड़ी धड़कनें

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पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश के चलते गंगा और उनकी सहायक नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. वाराणसी में अब गंगा खतरे के निशान की ओर बढ़ रही हैं. आज सुबह तक गंगा का जलस्तर 69.2 मीटर रहा. इसके साथ ही बढ़ाव जारी है. यदि गंगा के बढ़ाव की रफ्तार यही बनी रही तो जल्द ही वह खतरे के निशान को पार कर सकती हैं. इस दौरान गंगा और वरूणा के तटीय क्षेत्र के लोगों ने अपना ठिकाना छोड़ना शुरू कर दिया है और बाकी लोग छोड़ने की तैयारी में हैं.

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गंगा के जलस्तर में पिछले पांच दिनों से लगातार वृद्धि हो रही है. जलस्तर में वृद्धि का दौर जारी है. गुरुवार की सुबह 9.99 मिलीमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से पानी बढ़ रहा है. बता दें कि मंगलवार व बुधवार को गंगा में बढ़ाव की रफ्तार तेज थी. इसलिए गंगा में तेजी से पानी बढ़ा. गंगा में चेतावनी बिंदु 70.262 मीटर और खतरे का बिंदु 71.262 मीटर है.

चेतावनी बिंदु से मात्र एक मीटर नीचे रहीं गंगा

गुरुवार की सुबह जलस्तर अब चेतावनी बिंदु से मात्र एक मीटर नीचे रहा. ऐसे में सावधानी बरती जा रही है. वहीं जल पुलिस और एनडीआरएफ लोगों को अभी से सुरक्षित स्थान पर पहुंचने की अपील करने लगा है. इधर, गंगा के बाढ़ का पानी घाटों की सीढियां चढ़ते हुए आगे बढ़ रहा है. वहीं ग्रामीण इलाकों में भी गंगा की बाढ़ का असर दिखने लगा है. मवेशियों और तटवर्ती इलाकों के लोगों की दुश्वारियां बढ़ती जा रही हैं. बाढ़ के कारण अब तब गंगा आरती का स्थान पांच बार बदलना पड़ा है. दशाश्वमेध घाट की गंगा आरती छत पर हो रही है. अस्सी घाट पर मां गंगा की आरती घाट की ओर जाने वाले गली के पास हो रही है.

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छत और गली में जलाई जा रही चिताएं

काशी के दो महाश्मशान मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट पर चिता जलाने के स्थान भी बदले हैं. मणिकर्णिका घाट पर चिताएं छत पर जलाई जा रही हैं. हरिश्चंद्र घाट पर गली में चिताएं जलाई जा रही हैं. सामनेघाट, मदरवां, मारुति नगर, बालाजी नगर सहित अन्य इलाकों में पानी फैलने से लोगों की चिंताए बढ़ गई हैं. शूलटंकेश्वर और आसपास के तटवर्ती इलाकों में धान, ज्वार, बाजरा की फसल को नुकसान पहुंच सकता है. गंगा के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए एनडीआरएफ, जल पुलिस व नागरिक पुलिस की टीमें मुस्तैद हैं. काशीवासियों व सैलानियों को घाटों की तरफ न जाने की सलाह दी जा रही है. गंगा के जलस्तर में बढ़ाव की स्थिति की निगरानी की जा रही है. केंद्रीय जल आयोग ने गंगा और वरुणा के आसपास रहने वाले लोगों को भी अलर्ट किया गया है. ताकि लोग अभी से सुरक्षित स्थान पर चले जांय. अनुमान लगाया जा रहा है कि गंगा के जलस्तर में अभी और वृद्धि होगी.

सामने घाट, मारुति नगर के लोगों की बढ़ी चिंताएं

काशी में गंगा के जलस्तर धीरे-धीरे चेतावनी बिंदु के करीब पहुंचने वाला है. गुरुवार की सुबह जलस्तर 69.2 मीटर रिकार्ड किया गया, गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु से मात्र एक मीटर नीचे है. गंगा लगभग एक सेंटीमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से बढ़ रही हैं. गंगा के जलस्तर में जैसे-जैसे वृद्धि हो रही है वैसे-वैसे वरूणा का जलस्तर भी बढ़ रहा है. गंगा में बढ़ाव की स्थिति देख प्रशासन भी अलर्ट मोड में है. लंका थाना क्षेत्र के सामने घाट, मारुति नगर के नाले के रास्ते गंगा आगे बढ़ रही हैं. इससे आसपास रहने वाले लोगों की धड़कनें तेज होने लगी हैं. लोग पलायन की सोचने लगे हैं. यदि गंगा के बढ़ाव की रफ्तार बनी रही तो एक-दो दिन में पानी लोगों के घरों में प्रवेश करने लगेगा. मारुति नगर की नन्ही देवी ने कहाकि हर साल गंगा का जलस्तर बढ़ने के साथ ही नाले का पानी हम लोगों के घरों के आसपास लग जाता है. लोगों को घरों से निकलना मुश्किल हो जाता है. इसके साथ ही जीव-जंतुओं का खतरा बना रहता है. नाले का पानी घरों तक आने और सीवर ओवरफ्लो होने से रोग फैलने की आशंका बनी रहती है. मारुति नगर के हीघनश्याम दुबे ने बताया कि गंगा का जलस्तर बढ़ने के साथ ही नाला ओवरफ्लो हो जाता है.एक-दो दिन में नाले का पानी हम लोगों के घरों के आसपास पहुंच जाएगा. रास्ते बंद हो जाएंगे और हम लोगों का निकलना भी मुश्किल हो जाएगा.

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