हसीना का जाना… यूनुस का आना, भारत के लिए बड़ा झटका…

अगले कुछ महीने में फिर से बांग्लादेश में होंगे चुनाव

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देश ही नहीं दुनिया में भी किसी ने कल्पना नहीं की होगी कि 15 साल तक सत्ता में राज करने वाली बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना इस तरह से देश छोड़कर भागना पड़ेगा. देश में फैली हिंसा के बाद शेख हसीना ने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया और बाद में देश छोड़ कर भाग गईं. बांग्लादेश के इतिहास में यह पहली बार है जब किसी प्रधानमंत्री को देश छोड़ना पड़ा है.

यह सभी को हैरान करने वाली बात है क्योंकि इसी साल जनवरी में हुए चुनाव में हसीना की पार्टी ने दो तिहाई बहुमत से सत्ता में काबिज हुई थीं और अचानक फिर ऐसा क्या हुआ कि उन्हें देश छोड़ना पड़ गया. कहा जा रहा है कि आज बांग्लादेश में अंतरिम सरकार का गठन होगा जिसके मुखिया मोहम्मद यूनुस होंगे. उनके साथ 15 सदस्य शपथ लेंगे और अगले कुछ महीने में फिर से चुनाव होंगे.
भारत में असर पड़ने के काफी आसार

फिलहाल शेख हसीना भारत में है. कहा जा रहा है कि आगामी कुछ समय के बाद हसीना यूरोप के किसी देश में शरण ले सकती हैं लेकिन बांग्लादेश में जिस तरह के हालात है उससे भारत में असर पड़ने के काफी आसार है. कहा जा रहा था कि भारत का बांग्लादेश के साथ अब तक ऐसा था जहां न केवल राजनीतिक स्थिरता थी, बल्कि भारत से रिश्ते भी बेहतर थे.

भारत के लिए बड़ा झटका ?…

बता दें कि बांग्लादेश से शेख हसीना का सत्ता से जाना भारत के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. इसका कारण है कि बांग्लादेश भारत की मदद से बना था और तब से लेकर आज तक भारत के रिश्ते तभी से काफी बेहतरीन थे. इतना ही नहीं पिछले साल दिल्ली में हुए G20 सम्मलेन में बांग्लादेश को स्पेशल गेस्ट के रूप में बुलाया गया था. लेकिन अब भारत के लिए मुश्किल हो सकता है.

गौरतलब है कि इस समय बांग्लादेश की सियासत में दो बड़े चेहरे है. एक शेख हसीना और दूसरी BNP की खालिद जिया. करीब चार दशक की सत्ता में इन दोनों की हिस्सेदारी रही है.

भारत के लिए बहुत कुछ दांव पर…

कहा जा रहा है कि सत्ता से जाने के बाद भारत और बांग्लादेश के बीच काफी कुछ दांव पर लगा है. हसीना की सरकार में बांग्लादेश में न सिर्फ भारत विरोधी आतंकी गुटों को खत्म किया गया, बल्कि इस दौरान आर्थिक संबंध भी बेहतर हुए.
दोनों देशों के बीच जबरदस्त कारोबार है. अच्छी बात ये है कि बांग्लादेश उन देशों में रहा, जिनके साथ भारत फायदे में रहता है. क्योंकि भारत वहां से कम चीजें खरीदता था, लेकिन बेचता बहुत ज्यादा था.

इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलप में भारत ने की बांग्लादेश की मदद…

गौरतलब है कि 2016 के बाद से भारत ने बांग्लादेश में इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलप में काफी मदद की है. इसके चलते यहां रेल, सड़क और बंदरगाह बन रहे हैं. पिछले साल नवंबर में दो प्रोजेक्ट- अखौरा-अगरतला सीमा पार रेल लिंक और खुलना-मोंगला पोर्ट रेल लाइन का उद्घाटन किया गया था. इतना ही नहीं भारत ने यहां करीब 12 लाख डॉलर का कारोबार कर रखा है.

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ये बढ़ेंगी समस्याएं…

बता दें कि भारत में एक बार फिर से उग्रवाद फ़ैल सकता है क्योंकि जब भारत के नार्थ ईस्ट इलाके में उग्रवाद फैला था तब उग्रवादियों को बांग्लादेश में शरण दी जाती थी. उन्हें हथियार और पैसा दिया जाता था लेकिन ऐसे में भारत के पास बहुत बड़ी समस्या होगी. वहीं अब एक तरफ पाकिस्तान और दूसरी तरफ अब बांग्लादेश आतंकी गतिविधियों को बढ़ाने की कोशिश करेगा.

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