यूपीएससी की नई अध्यक्ष बनीं प्रीति सूदन…

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1983 बैच की आईएएस अधिकारी और पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन UPSC का नया अध्यक्ष बनाया गया है. वहीं गुरुवार यानी 1 अगस्त को प्रीति चेयरपर्सन का पद संभालेंगीं. आपको बता दें कि बीते एक महीने पहले संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के अध्यक्ष मनोज सोनी ने अपना कार्यकाल खत्म होने से पहले ही इस्तीफा दे दिया था. इसकी वजह उन्होंने अपना व्यक्तिगत कारण बताया था. ऐसे में प्रीति सूदन मनोज सोनी का स्थान ग्रहण करेंगी. वहीं बता दें कि 2022 से प्रीती सूदन यूपीएससी मेंबर के तौर पर कार्यरत हैं.

कौन हैं प्रीति सूदन ?

प्रीति सूदन 1983 में आंध्र प्रदेश कैडर से रिटायर्ड आईएएस अधिकारी हैं. उन्होंने जुलाई 2020 में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पद से त्यागपत्र दे दिया था. इसके बाद प्रीति ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय में भी काम किया है. उन्होंने अपने कैडर राज्य आंध्र प्रदेश में वित्त, योजना, आपदा प्रबंधन, पर्यटन और कृषि के क्षेत्रों का कार्यभार संभाला है. इसके अलावा प्रीति सूदन विश्व बैंक में सलाहकार भी रही हैं. प्रीति सूदन ने राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग, संबद्ध स्वास्थ्य पेशेवर आयोग और ई-सिगरेट पर प्रतिबंध लगाने वाले कानून बनाने में भी योगदान दिया. साथ ही ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ और ‘आयुष्मान भारत’ को भी शुरू किया था.

कार्यकाल खत्म होने से पहले मनोज सोनी ने सौंपा था इस्तीफा

वहीं आपको बता दें कि एक महीना पहले अपना कार्यकाल खत्म होने से पहले ही यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन यानी यूपीएससी के चेयरमैन मनोज सोनी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. इस पद पर उनका कार्यकाल 2029 में खत्म होने वाला था, लेकिन उससे पहले ही उन्होंने यह पद छोड़ दिया. इस तरह आकस्मिक इस्तीफा देने की वजह उन्होने व्यक्तिगत कारणों को बताया था.

बता दें कि, साल 2017 में यूपीएससी के सदस्य के तौर पर मनोज सोनी ने काम शुरू किया था. इसके बाद साल 2023 मई को उन्हें यूपीएससी का चेयरमैन बनाया गया था. इस पद का कार्यकाल 6 सालों का होता है, जिसके चलते मनोज सोनी के पद का कार्यकाल 2029 में खत्म होने वाला था. लेकिन कथित तौर पर मनोज सोनी ने अपना इस्तीफा राष्ट्रपति को सौंप दिया था.

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इस वजह से दिया इस्तीफा

2020 में दीक्षा प्राप्त करने के बाद वे मिशन में एक साधु या निष्काम कर्मयोगी बन गए थे. सूत्रों का कहना है कि उनका इस्तीफा IAS पूजा खेडकर से संबंधित नहीं है. उन्होंने व्यक्तिगत कारणों के चलते इस्तीफा दिया है. बता दें कि वह पीएम मोदी के खास लोगों में एक माने जाते हैं. मनोज सोनी, साल 2005 में सोनी को बडोदरा के एमएस यूनिवर्सिटी का सबसे कम उम्र का कुलपति बनाया गया था. वहीं यूपीएसएसी से जुड़ने से पहले वे गुजरात की दो यूनिवर्सिटी के कुलपति रह चुके थे. इसके बाद डॉक्टर बाबा साहेब आंबेडकर ओपन विश्वविद्यालय यानी बीएओयू में दो कार्यकाल तक जुड़े रहे.

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