बड़ी मिसाल ! ऑस्ट्रेलिया की एयरलाइन ने डाउन सिंड्रोम से ग्रसित लड़की को दी नौकरी…
ऑस्ट्रेलिया की एक एयरलाइन कंपनी ने बड़ी मिसाल कायम की है. ऑस्ट्रेलिया की एयरलाइन वर्जिन ऑस्ट्रेलिया ने डाउन सिंड्रोम से ग्रसित लड़की को नौकरी देकर बड़ा उदाहरण दुनिया के सामने रखा है. बता दें कि यह बीमारी एक आनुवंशिक गुणसूत्र क्रोमोसोम 21 से जुड़ी दिक्कत की होती है. इस बीमारी की वजह से संक्रमित बच्चे का होने वाला विकास धीमी गति से होता है, जिससे उसकी बुद्धि का विकास भी देरी से हो पाता है. लेकिन इसके बावजूद भी ऑस्ट्रेलिया की कंपनी ने इस बच्ची को अपने कैरियर बनाने का एक मौका दिया है.
एयलाइन ने एक्स पोस्ट में दी जानकारी
इस बात की जानकारी नौकरी देने वाली एयरलाइन ने एक्स पर साझा की गयी एक पोस्ट के माध्यम से दी है. डाउन सिंड्रोम से ग्रसित एले सेयर्स की एयरलाइन की ड्रेस के साथ फोटो साझा करते हुए एयरलाइन ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर यह पोस्ट किया है. इसमें लिखा है कि ‘आज वह गर्व से अपनी वर्दी पहनेंगी और हर व्यक्ति की विशिष्टता को बेहतर ढंग से समझने में दुनिया की मदद करेंगी.’
क्या होता है डाउन सिंड्रोम ?
दरअसल, डाउन सिंड्रोम एक जेनेटिक डिसऑर्डर होता है जो क्रोमोजोम की कमी की वजह से होता है. डाउन सिंड्रोम से ग्रसित बच्चे में एक एक्सट्रा क्रोमोजोम होता है. बोलचाल की भाषा में बोलने वाले बच्चे में 46 क्रोमोसोम होते हैं, यानी मां से 23 और पिता से 23. वहीं, डाउन सिंड्रोम से पीड़ित बच्चों में 47 क्रोमोजोम होते हैं. मेडिकल भाषा में इसे डाउन सिंड्रोम कहते हैं. वही इसे टाइसॉमी भी कहा जाता है. इस बीमारी का सबसे अधिक नुकसान बच्चे का दिमाग होता है. यानि बच्चे का दिमाग अनियमित रूप से विकसित होता है. वहीं यह बीमारी 1000 बच्चों में से किसी एक बच्चे में पायी जाती है.
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क्या होते हैं इसके लक्षण ?
डाउन सिंड्रोम के लक्षण हर व्यक्ति में अलग-अलग होते हैं. हर व्यक्ति में अलग – अलग परेशानियां होती है. इस बीमारी से पीड़ित बच्चों का चेहरा सपाट होता है. उनका शरीर चपटा होता है. उनकी आंखें ऊपर की ओर तिरछी होती हैं. उनके हाथ और पैर छोटे होते हैं. उनके कान आकार से छोटे होते हैं. उनके हाथों और पैरों की छोटी उंगलियां छोटी होती हैं. उनकी हाइट भी छोटी होती है. लेकिन कुछ रिपोर्टों में एक कारण बताया गया है जो बीमारी को जन्म देता है. इससे बहरापन, कान में इंफेक्शन, आंख की बीमारी, जेनेटिक दिल की बीमारी, कब्ज, रीढ़ की हड्डी में दर्द, मोटापा आदि इसके कारण हो सकते हैं.