क्या कुर्ते पर भी लिख लें नाम ? RLD ने जताया विरोध
नई दिल्ली: प्रदेश की योगी सरकार ने कांवड़ यात्रा मार्ग में नेमप्लेट लगाने का फरमान सुनाया तो प्रदेश में सियासत गर्माने में समय नहीं लगा. चारो तरफ इसकी आवाज बुलंद हुई तो कई दलों ने इसका विरोध भी किया. सरकार के इस फैसले पर पक्ष और विपक्ष सभी ने आपत्ति जताई. JDU, LJP के बाद अब उत्तर प्रदेश की RLD पार्टी ने भी सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाए हैं. RLD प्रमुख जयंत यादव ने कहा कि कांवड़ ले जाने वाले की सेवा सभी करते हैं.
‘कांवड यात्री जाति धर्म की पहचान करके सेवा नहीं लेता
योगी सरकार के फरमान के बाद अब RLD प्रमुख जयंत यादव ने कहा कि कोई भी कांवड़ यात्री जाती धर्म देखकर सेवा नहीं लेता है. इस मुद्दे को धर्म से नहीं जोड़ा जाना चाहिए. बीजेपी ने ज्यादा समझकर फैसला नहीं लिया. बस फैसला ले लिया इसलिए अब उसके ऊपर टिकी हुई है सरकार. अभी भी समय है कि सरकार को फैसला वापस लेना चाहिए. इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि अब कहां-कहां लिखें अपना नाम. क्या अपने कुर्ते पर भी लिख लें अपना नाम कि नाम देखकर हाथ मिलाओगे मुझसे ?’
कांवड़ मार्ग में दिखा आदेश का असर…
बता दें कि सरकार के आदेश के बाद अब कांवड़ मार्ग में इसका असर साफ़ देखने को मिल रहा है. रास्तों में जगह- जगह पर दुकानों में नेमप्लेट की पर्ची लगाई गई है. इसी के साथ देश में हिन्दू- मुस्लिम वाली राजनीति वाली सियासत गरमा गई है. सरकार के इस फैसले को कोई संविधान के खिलाफ बता रहा है तो कोई इसे नफरत वाली साजिश.
विरोधी दलों ने उठाए सवाल…
बता दें कि प्रदेश की सत्ता में आने के बाद योगी सरकार और प्रशासन हर बार कांवड़ यात्रा मार्ग और कांवड़ियों के लिए कोई न कोई नया इंतजाम करता है , चाहे वह हेलीकाप्टर से फूल बरसाना हो या कांवड़ियों को तरह- तरह की सेवा प्रदान करना हो. लेकिन इस बार कांवड़ियों की सुविधा के लिए नेमप्लेट लगाने का फरमान आया तो विपक्षी के साथ-साथ अपनों ने भी सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं.
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योगी सरकार का यह है आदेश…
बता दें कि सावन में कांवड़ यात्रा को लेकर योगी सरकार ने कांवड़ मार्ग में लगने वाली दुकानों और ठेले के लिए आदेश जारी किया है कि सभी ग्राहक अपनी दुकान पर नेम प्लेट जरूर लगाए. इससे कांवड़िए यह जान सके कि उन्होंने किस दुकान से सामान खरीदा है. मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा है कि पूरे उत्तर प्रदेश में कांवड़ मार्गों पर खाने पीने की दुकानों पर ‘ नेमप्लेट’ लगानी होगी और दुकानों पर संचालक मालिक का नाम और पहचान लिखना होगा. मुख्यमंत्री कार्यालय के मुताबिक, कांवड़ यात्रियों की आस्था की शुचिता बनाए रखने के लिए यह फैसला लिया गया है.