वाराणसी में एक दिन की वृद्धि के बाद स्थिर हुआ गंगा का जलस्तर
जल आयोग लगातार रख रहा है जलस्तर पर नजर
वाराणसी में एक दिन की वृद्धि के बाद वाराणसी में गंगा का जलस्तर फिर स्थिर हो गया है. केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार गुरुवार की सुबह जलस्तर 58.62 मीटर रिकार्ड किया गया. जल आयोग की ओर से जलस्तर पर नजर रखी जा रही है. बारिश में बाढ़ की आशंका को देखते हुए सभी तैयारियां की गई हैं.
वाराणसी और आसपास के इलाके में पिछले साल औसत से 60 फीसद कम बारिश हुई. इसका असर गंगा के जलस्तर पर पड़ा. गंगा का जलस्तर काफी नीचे चला गया था. इस साल मानसून सीजन में अच्छी बारिश हो रही है. यूपी के कई जिलों में भारी बारिश हुई है. इसके चलते अयोध्या में सरयू समेत प्रदेश की कई नदियां उफान पर हैं. गंगा के जलस्तर में भी मामूली वृद्धि हुई है. वाराणसी में गंगा का चेतावनी बिंदु 70.262 और खतरे का बिंदु 71.262 मीटर है. ऐसे में देखा जाए तो वाराणसी में गंगा का जलस्तर अभी चेतावनी बिंदु से लगभग 12 मीटर नीचे है. इसलिए घबराने वाली कोई बात नहीं. फिर भी प्रशासन पूरी ऐहतियात बरत रहा है.
सबसे पहले प्रभावित होते हैं तटवर्ती क्षेत्र
वैसे भी बाढ़ का सबसे पहला प्रकोप वाराणसी के गंगा और वरूणा के तटवर्ती इलाकों के लोगांे को झेलना पड़ता है. बाढ़ की आरम्भिक स्थिति में ही वरूणा के किनारों पर बसे गांव और मोहल्ले उसकी चपेट में आ जाते हैं. इसके अलावा चौबेपुर और चंदौली के ढाब क्षेत्र के लोगों को भी गंगा के बाढ़ का प्रकोप देखना पड़ता है. हर साल बारिश और बाढ़ को झेलनेवाले इन मोहल्लों और गांवों के लोग अभी से ही सतर्क हो गये हैं. प्रशासन की नजर भी सबसे पहले इन्हीं क्षेत्रों पर है. इस बार बारिश लगातार हो रही है. ऐसे में बाढ़ की सम्भावना बनी हुई है. कई बार ऐसा भी हुआ की तेजी से बाढ़ आई और कई परिवार उसमें फंस गये, जिन्हें राहत और बचाव कार्य के जरिए सुरक्षित स्थानांे पर पहुंचाना पड़ा.