30 मई को थम जाएगा चुनावी शोर, खदेड़े जाएंगे बाहरी
अंतिम चरण के चुनाव में एक जून को होगा मतदान, निर्वाचन विभाग ने कर ली तैयारी
वाराणसी समेत देश के कुल 57 लोकसभा सीटों पर चुनाव अंतिम चरण में होना तय हुआ था. इसके तहत एक जून को मतदान होगा. 7 राज्यों और 1 केंद्र शासित प्रदेश के 57 संसदीय सीटों के लिए मतदान किया जाएगा. इनमें उत्तर प्रदेश और पंजाब की 13-13 सीटें, पश्चिम बंगाल की 9 सीटें, बिहार की 8 सीटें, ओडिशा की 6 सीटें, हिमाचल प्रदेश की 4 सीटें, झारखंड की 3 सीटें और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ की 1 सीट पर मतदान होगा. इसे देखते हुए कल यानी 30 मई को चुनावी शोर थम जाएगा. वहीं, चुनाव प्रचार के लिए जिले में आए बाहरी लोगों को खदेड़ा जाएगा. इससे पहले की जिला निर्वाचन अधिकारी ने संबंधित दलों को चेतावनी दे दी है. खासकर भाजपा, सपा व कांग्रेस को प्रशासनिक अफसरों की ओर से टारगेट किया गया है. साफ चेताया है कि 31 जून की सुबह तक यदि कोई भी बाहरी जिले में चुनावी गतिविधियों में लिप्ता मिला तो कार्रवाई होगी.
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आखिरी दो दिनों के लिए भाजपा व कांग्रेस के नेताओं ने वाराणसी में डेरा डाल दिया है. विभिन्न कार्यक्रमों के जरिये पूरी ताकत झोंक दी है. महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फणनवीस अपरान्ह 3.10 बजे बाबतपुर हवाई अड्डा पर पहुंच गए. शाम को जंगमबाड़ी मठ में आयोजित “काशी महाराष्ट्र समागम“, कार्यक्रम में भाग लिया. 30 मई को पूर्वांह 10 बजे काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन करेंगे. केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी भी शाम को नगर में पहुंच गईं. उन्होंने शिवपुर स्थित एक लॉन में जनसभा को सम्बोधित किया. उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या भी इसी लॉन में जनसभा को संबोधित करेंगे. कांग्रेस की ओर से राष्ट्रीय अनुसूचित आयोग के पूर्व अध्यक्ष तथा पूर्व सांसद पीएल पुनिया ने शाम को कॉन्फ्रेंस किया. पूर्व कैबिनेट मंत्री भारत सरकार सलमान खुर्शीद भी काशी पहुंच गए हैं. शाम को वाराणसी संसदीय क्षेत्र के ’इंडिया’ गठबंधन प्रत्याशी अजय राय के लहुराबीर स्थित केन्द्रीय चुनाव कार्यालय के मीडिया सेन्टर में पत्रकार वार्ता को संबोधित किया. राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी भी काशी आ गए हैं. विधान मंडल दल की नेता मोना मिश्रा भी पहुंच गई हैं. अजय राय के लहुराबीर स्थित केन्द्रीय चुनाव कार्यालय के मीडिया सेन्टर में एक पत्रकार वार्ता की.
लौट जाएंगे बाहरी, स्थानीय के भरोसे गुजरेगी ’कत्ल की रात’
प्रचार थम जाने के साथ ही बाहरी वाराणसी संसदीय क्षेत्र की सीमा से बाहर चले जायेंगे. 31 मई की रात चुनावी दृष्टि से कत्ल की रात होगी. इस रात के अंधेरे में सत्ता व विपक्ष शह व मात का खेल खेलेंगे. इतिहास गवाह है कि इस रात कई बार खेला हुआ है. इस खेल के बाद हार व जीत का समीकरण बदल गया है.