Varanasi: वार्षिक किरायेदारी को लेकर बरेका प्रशासन पर लगा मनमानी का आरोप
सेंट जान्स स्कूल का किराया 54 करोड़ 93 लाख 27हजार 110 रुपये तो राजकीय महिला डिग्री कालेज का 14023 रुपये
Varanasi: वाराणसी में बरेका प्रशासन के किराया निर्धारण में मनमानी का आरोप लग रहा है. परिसर स्थित 700 व्यवसायिक व शैक्षणिक संस्थानों के किराए में वृद्धि की गई. वृद्धि के चलते किसी दुकान का किराया हजार तो किसी का लाख रुपये कर दिया गया है. वहीं, शैक्षणिक संस्थान का किराया करोड़ में पहुंच गया है. किराया बढ़ने का विरोध वहां के दुकानदार लगातार कर रहे हैं, लेकिन बरेका प्रशासन द्वारा रेलवे बोर्ड का हवाला देकर उनकी बात को अनसुना किया जा रहा है.
जानकारी के अनुसार बरेका द्वारा जारी 30 अगस्त 23 के पत्र के अनुसार बरेका परिसर स्थित दुकान, भूमि प्लॉट व संस्थान के मालिक को वर्ष 2023-24 के निर्धारित किराए का भुगतान करने का निर्देश दिया गया है. सूची के अनुसार जहां राजकीय महिला डिग्री कालेज के किराया 14023 रुपये वार्षिक है तो वही सेंट जान्स स्कूल का किराया 54 करोड़ 93 लाख 27हजार 110 रुपये वार्षिक निर्धारित किया गया है. वहीं, कई दुकानों का किराया लाख रुपये में है.
किस नियम के तहत बढ़ाया गया किराया
बरेका परिसर में व्यवसायिक व संस्थानों के बढ़े किराए का विरोध करते हुए किस नियम को आधार बना कर किराया में वृद्धि की गई है, लोग यह सवाल पूछ रहे हैं. इस पर बरेका प्रशाशन ने रेलवे बोर्ड के नियमों का हवाला देते हुए प्रेस विज्ञप्ति जारी कर सफाई दी है.
बरेका के जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार की तरफ से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है की पहले बरेका गुमटी मार्केट दुकानों के किराए की गणना आधार वर्ष 1986 भूमि सर्कल दर के अनुसार की जा रही थी.
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वर्तमान में, दुकानों के दर की गणना वर्ष 2022 में रेलवे भूमि के प्रबंधन के लिए जारी मास्टर सर्क्युलर के दिशानिर्देश अनुसार किया जा रहा है. मास्टर सर्क्युलर के दिशा-निर्देशों के अनुसार दुकानों के दर की गणना हेतु आधार वर्ष 2019-20 के भूमि सर्किल रेट के अनुसार किया जाना है. संशोधन के बाद भी 104 वर्गफीट क्षेत्रफल वाली दुकानों का मासिक दर मात्र 2125 रुपये प्रति माह है. किराए की गणना रेलवे बोर्ड के दिशानिर्देश पर आधारित है जो पूरे भारतीय रेलवे पर लागू होता है.