“कोविशील्ड मामले की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच हो”, अखिलेश यादव बोले- जिम्मेदारों पर चले मुकदमा
कोविशील्ड वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स को लेकर उठे विवाद के बीच समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार (1 मई) को आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ पार्टी ने लोगों की जान जोखिम में डालकर वैक्सीन बनाने वाली कंपनी एस्ट्राजेनेका से राजनीतिक चंदा वसूला है और इसकी उच्च स्तरीय न्यायिक जांच की जानी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी जानलेवा दवाओं की अनुमति देना किसी की हत्या की साजिश के समान है और इसके लिए जिम्मेदार लोगों पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए.
एस्ट्राजेनेका ने साइड इफेक्ट की बात कबूली
अखिलेश यादव ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “एक व्यक्ति को दो वैक्सीन के हिसाब से लगभग 80 करोड़ भारतीयों को कोविशील्ड वैक्सीन दी गयी है, जिसके बारे में उसका मूल फ़ार्मूला बनाने वाली कंपनी ने कहा है कि इससे हार्ट अटैक, कार्डियक अरेस्ट का ख़तरा हो सकता है. जिन लोगों ने वैक्सीन के साइड इफेक्ट के कारण अपनों को खोया है या जिन्हें वैक्सीन के दुष्परिणामों की आशंका थी, अब उनका शक और डर सही साबित हुआ है.”
जिम्मेदारों पर चले मुकदमा- अखिलेश
उन्होंने कहा, “लोगों की ज़िंदगी से खिलवाड़ करने वालों को जनता कभी माफ़ नहीं करेगी. ऐसी जानलेवा दवाइयों को अनुमति देना किसी की हत्या के षड्यंत्र के बराबर है और इसके लिए ज़िम्मेदार लोगों पर आपराधिक मुकदमा चलना चाहिए.”
“सर्वोच्च स्तर पर न्यायिक जांच हो”
सपा मुखिया ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, “सत्ताधारी दल ने वैक्सीन बनाने वाली कंपनी से राजनीतिक चंदा वसूलकर जनता की जान की बाज़ी लगायी है. न कानून कभी उन्हें माफ करेगा, न जनता. इस मामले में सर्वोच्च स्तर पर न्यायिक जांच हो.”
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बता दें कि कोरोना वैक्सीन बनाने वाली कंपनी एस्ट्राजेनेका ने यूके की हाई कोर्ट में दिए दस्तावेज में इस बात को स्वीकार किया है कि वैक्सीन से दुर्लभ बीमारी थ्रम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम हो सकता है. जिसमें ब्लड क्लॉटिंग के अलावा कार्डियक अरेस्ट, हार्ट अटैक और प्लेटलेट्स का कम होना शामिल है. भारत में एस्ट्राजेनेका वैक्सीन का निर्माण सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा किया गया था.