लालपुर थाना क्षेत्र में रोड चौड़ीकरण के दौरान शुक्रवार को पीडब्ल्यूडी के कर्मचारियों ने बिना किसी को बताएं प्राचीन शिव मंदिर तोड़ दिया. इससे नाराज क्षेत्रीय लोगों ने चक्काजाम कर कर्मचारियों को बंधक बना लिया. लोगों का कहना है कि मंदिर के लिए कही स्थान नहीं दिया गया. उसे सुव्यवस्थित ढंग से कहीं स्थानांतरित करने के वजाय अचानक मंदिर तोड़ दिया गया. उनका आरोप है कि मंदिर के शिवलिंग को पैरों से मार कर हटाया गया. इससे लोग बेहद आक्रोशित होकर कार्रवाई की मांग पर अड़ गए. उच्चाधिकारियों के हस्तक्षेप पर किसी तरह मामला शांत हुआ.
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लालपुर चौकी क्षेत्र में सड़क चौड़ीकरण हो रहा है. इसके लिए पहुंचे पीडब्ल्यूडी कर्मचारियों ने मंदिर तोड़ दिया. जब इसकी सूचना क्षेत्रीय लोगों को हुई तो लोग जुटने लगे. क्षेत्रीय सभासद अशोक मौर्या, व्यापार मंडल के लोगों के साथ मौके पर भीड़ जमा हो गयी. मंदिर तोड़े जाने से नाराज लोग शिवलिंग का अपमान करने का आरोप लगाते हुए सम्बंधित कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने लगे.
शिवलिंग को पैरों से हटाने का लगाया आरोप
लोग कर्मचारियों को बंधक बनाने के साथ ही चक्काजाम कर प्रशासन विरोधी नारेबाजी करने लगे. उनका कहना था कि मंदिर अति प्राचीन है. इस मंदिर को बिना उचित स्थान पर स्थानांतरित किये इसे तोड़ना गलत है. मंदिर तोड़ने से पहले क्षेत्र के लोगों को इसकी सूचना देनी चाहिए थी. लोगों का यह भी आरोप था कि मंदिर तोड़ते समय कर्मचारियों ने शिवलिंग को पैरों से हटाया. जाम की सूचना मिलने पर थाना प्रभारी लालपुर पहुंचे. उन्होंने पीडब्लूडी कर्मचारियों के साथ क्षेत्र के सम्मानित लोगो को थाने बुलाया. थाने में पीडब्लूडी जेई के साथ अन्य अधिकारी भी पहुंचे. सबके सामने कर्मचारियों ने गलती के लिए क्षमा मांगी. अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि शनिवार को मंदिर के लिए जगह दी जाएगी और मंदिर को स्थानांतरित कर आगे की कार्यवाही की जाएगी.