दिल्ली में बच्चों की तस्करी तो बानगी है !

देशभर में ह्यूमन ट्रैफिकिंग के मामले चौंकाने वाले हैं, जानें, क्या कहते हैं आंकड़े

0

दुनिया भर के तमाम देशों में ह्यूमन ट्रैफिकिंग एक गंभीर मुद्दा बना हुआ है जिसको लेकर कानून तो सख्त बनाए गए हैं. फिर भी इस अपराध में गिरावट के बजाय लगातार बढ़ोतरी हो रही है. आए दिन मानव तस्करी के दर्जनों मामले सामने आते रहते हैं. मानव तस्करी का कारोबार बहुत ही व्यापक स्तर पर पूरी दुनिया में चल रहा है. भारत में भी ये कारोबार तेजी के साथ फल-फूल रहा है, जिसे गिरोह बनाकर चलाया जा रहा है.

चाइल्ड ट्रैफिकिंग गिरोह का पर्दाफाश

हाल ही में दिल्ली-एनसीआर में बच्चा चोरी कर उन्हें बेचने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए सीबीआई ने 7 आरोपितों को गिरफ्तार किया था. इस गिरोह के सदस्य अस्पतालों से नवजात बच्चों को चुराकर उन्हें बेच देते थे. जब सीबीआई ने छापेमारी की तो उस समय भी एक 36 घंटे के नवजात को आरोपितों के पास से बचाया गया था. इस बच्चे को बेचने की तैयारी थी. इस नवजात बच्चे को 6 लाख रुपये में बेचने का सौदा तय हुआ था.

सीबीआई के सूत्रों ने बताया था कि पिछले महीने यानी कि मार्च में इस गिरोह ने करीब 10 बच्चों को बेचा था. अस्पतालों से ये गिरोह बच्चों को चोरी करता था. उसके बाद बच्चों को 5-6 लाख रुपये की दर से बेच देते थे. ये लोग सोशल मीडिया जैसे कि फेसबुक, व्हाट्सएप, टेलीग्राम के अलावा अन्य तरीके से बच्चा लेने वालों से संपर्क करते रहते थे.

36 घंटे के नवजात को किया रेस्क्यू

सीबाआई ने जिन लोगों को गिरफ्तार किया है, उनमें अस्पतालों के वार्ड ब्वॉय समेत महिलाएं और पुरुष शामिल थे. सीबीआई की टीम ने दिल्ली के केशवपुरम के एक घर से दो नवजात बच्चों को रेस्क्यू किया था, जिसमें एक 36 घंटे का नवजात बच्चा भी शामिल था. इसके अलावा करीब 5 बच्चों को अलग-अलग जगहों से रेस्क्यू किया गया था जिन्हें बेचने की पूरी तैयारी थी. लेकिन पिछले काफी समय से बच्चा चोरी की मिल रहीं शिकायतों के आधार पर सीबीआई ने छापा मारते हुए आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया.

मानव तस्करी में कई तरह के अपराध शामिल

मानव तस्करी में कई तरह के अपराध शामिल हैं. इनमें देह व्यापार के लिए यौन शोषण, जबरन श्रम, घरेलू दासता, जबरन शादी, अंगों को बेचना, बच्चों का ऑनलाइन यौन शोषण करने के अलावा नवजात बच्चों को बेचने जैसा कृत्य शामिल है. बता दे किं देश में 56 वर्षों से मानव तस्करी की प्रकृति और रूप में लगातार बदलाव होता रहा है.

ये हैं NCRB के आंकड़े

मानव तस्करी के सबसे ज्यादा मामले तेलंगाना और महाराष्ट्र में दर्ज किए गए. एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2020 में जहां तेलंगाना और महाराष्ट्र दोनों में इसके 184-184 मामले दर्ज किए गए, वहीं 2021 में तेलंगाना में इसके 347 और महाराष्ट्र में 320 मामले सामने आए. वर्ष 2022 में तेलंगाना में जहां इसके मामले बढ़े, वहीं महाराष्ट्र में कुछ गिरावट आई. 2024 में अब तक तेलंगाना में 391 और महाराष्ट्र में 295 मामले मानव तस्करी के दर्ज किए गए हैं.

मानव तस्करी को लेकर साल 2020 में एनसीबी की ओर से जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक, एक साल में मानव तस्करी के 1 हजार 714 मामले दर्ज किए गए थे. इसमें महाराष्ट्र और तेलंगाना में मानव तस्क्री के सर्वाधिक 184-184 केस दर्ज किए गए. ऐसे आपराधिक मामलों में आंध्र प्रदेश तीसरे स्थाान पर रहा. आंध्र प्रदेश में 171, केरल में 166, झारखंड में 140 और राजस्थान में 128 मामले दर्ज किए गए थे.

जेल का जवाब वोट से, आप पार्टी का स्लोगन जारी

पिछले साल अमेरिका की मानव तस्करी रिपोर्ट 2023 में कहा गया है कि भारत तस्करी के उन्मूलन के लिए न्यूनतम मानकों को पूरी तरह से पूरा नहीं करता है. हालांकि, इसमें ये भी कहा गया है कि देश मानकों को पूरा करने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास कर रहा है. भारत ने पिछले कुछ सालों से अमेरिकी सरकार के रिकॉर्ड में टियर 2 श्रेणी (3 स्तरों में से) अपनी जगह बनाए रखी है.

जून में जारी की गई लेटेस्ट रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत राज्यों और केंद्र के बीच संयुक्त प्रयासों के साथ-साथ विदेशी सरकारों के साथ मिलकर तस्करी के कई मामलों और तस्करों को दोषी ठहराने में प्रगति कर रहा है. इसमें कहा गया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने तस्करी से निपटने के लिए जिम्मेदार न्यायिक अधिकारियों, पुलिस और अन्य अधिकारियों की क्षमता बनाने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आर्थिक तौर पर भी मदद की है.

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More