काशी विश्वनाथ में बंदरों का आतंक, रोजाना जख्मी हो रहें श्रद्धालु
Varanasi: काशी विश्वनाथ धाम में हर दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं लेकिन अब वहां डर का माहौल बन गया है. इसका कारण यह है कि यहां बंदरों की संख्या बढ़ गयी हैं और आए दिन ये किसी न किसी श्रद्धालु पर हमला कर उन्हें जख्मी कर दे रहे हैं. इसके चलते पिछले 7 महीने में 560 श्रद्धालुओं को एंटी रेबीज वैक्सीन लगाई जा चुकी है. यही वजह की अब श्रद्धालु काशी विश्वनाथ धाम में आने से डर रहे हैं .
500 से ज्यादा श्रद्धालु हुए शिकार
श्री काशी विश्वनाथ धाम में बंदरों के खौफ से वहां आये श्रद्धालु काफी ज्यादा भय में हैं . अगर पिछले 7 महीनों के आंकड़े को देखा जाए तो अब तक ये बन्दर 560 से अधिक श्रद्धालुओं पर हमला कर उन्हें जख़्मी कर चुके हैं. देखा जाए तो काशी विश्वनाथ धाम के आरोग्य केंद्र में हर दिन 2-3 लोगों को बंदर के काटने की वजह से एआरवी (ARV)लगाई जा रही है.
मंदिर प्रशासन ने लिखा वन विभाग को पत्र
साथ ही आपको बता दें कि रविवार को ओडिशा की प्रियदर्शनी और कानपुर की शिवांगी पर हमला कर बंदरों ने उन्हें काट लिया. इसके बाद दोनों महिलाओं को काशी विश्वनाथ धाम के आरोग्य केंद्र में उपचार के बाद एआरवी (ARV ) वैक्सीन लगाई गई. आपको बता दें कि इन बंदरों का आतंक इतना बढ़ गया हैं रोज ये किसी न किसी पर हमला कर काट ले रहे हैं. इस मामले को लेकर मंदिर प्रशासन ने वन विभाग को पत्र भी लिखा हैं लेकिन अभी तक इसपर कोई भी कार्यवाही नहीं हुई है .
बंदर कैसे बनाते हैं निशाना
ये बात अभी यहीं ख़तम नहीं होती. आपको बता दें की ज्ञानवापी कूप और नंदी के आसपास जमा ये बंदरों का झुंड पहले तो श्रद्धालुओं से प्रसाद छीनने की कोशिश करता है और जब कोई श्रद्धालु अपने प्रसाद को बचाने की कोशिश करता हैं तो बन्दर उनपर हमला कर काट लेते हैं . मंदिर के कर्मचारियों की माने तो नंदी की मूर्ति और ज्ञानवापी कूप के पास स्थित पेड़ पर सारे बन्दर बैठते हैं. ये उधर से गुजरने वाले श्रद्धालुओं को अपना निशाना बनाते हैं. इसी क्रम में मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्वभूषण मिश्र ने बताया कि बंदरों के काटने और हमला करने की घटनाएं काफी ज्यादा बढ़ गई हैं. इस मामले को लेकर वन विभाग को पत्र लिख कर वस्तुस्थिति से अवगत करा दी गया है.
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क्या कहते हैं CMO
इस संबंध में वाराणसी के सीएमओ डॉ. संदीप चौधरी ने बताया की आरोग्य मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पर्याप्त मात्रा में एआरवी का स्टॉक उपलब्ध है. यदि किसी को बंदर काट लेता हैं तो स्वास्थ विभाग की टीम तत्काल उसका उपचार करेगी साथ ही ARV वैक्सीन भी लगाएगी . इसी के साथ उन्होंने बताया की बंदरों के काटने पर हर रोज दो से तीन लोगों को एआरवी वैक्सीन लगाई जा रही है.
report- harsh srivastava