Varanasi: अस्पताल में बच्चा बदलने का मामला : पुलिस कराएगी डीएनए जांच

जौनपुर के रतनूपुर निवासी जयदत्त वनवासी ने शिवपुर थाना में दर्ज कराई थी रिपोर्ट

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वाराणसी के मीरापुर बसही स्थित एक निजी अस्पताल में नवजात लड़के की जगह लड़की का शव दिये जाने के मामले की जांच शिवपुर पुलिस कर रही है. जांच के क्रम में पुलिस ने अस्पताल के सीसी टीवी फुटेज कब्जे में लिये. पुलिस ने लड़की के शव का पोस्टमार्टम कराया. इसके बाद डीएनए टेस्ट कराया जाएगा, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि बच्ची उसी मां की है या नही जिसने बदले जाने का आरोप लगाया है. शिवपुर थानाध्यक्ष रवि शंकर त्रिपाठी ने बताया कि सच्चाई जानने के लिए डीएनए टेस्ट कराया जाएगा. तभी यह मामला हल हो पाएगा.

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गौरतलब है कि जौनपुर जिले के चंदवक थाना क्षेत्र के रतनूपुर निवासी जयदत्त वनवासी ने शिवपुर थाने की पुलिस को पिछले शुक्रवार को तहरीर दी. बताया कि उसने अपनी पत्नी सोनी को 27 मार्च को प्रसव के लिए हरहुआ स्थित निजी अस्पताल में भर्ती कराया. ऑपरेशन से रात 11 बजे लड़का पैदा हुआ. इसके बाद डॉक्टर ने कहा कि आपके बच्चे की तबीयत ज्यादा खराब है. इसके बाद बच्चे को मीरापुर बसही स्थित दूसरे निजी अस्पताल के लिए रेफर कर दिया.

दो दिन के बच्चे की जगह मिला दस दिन की बच्ची का शव

28 मार्च की शाम डॉक्टर ने बच्चा गोद में देते हुए कहा कि उसकी मौत हो गई है. अंत्येष्टि की तैयारी के दौरान जब उन लोगों ने शव देखा तो वह लगभग सात-आठ दिन की लड़की का निकला. यह देख दम्पती और परिवारवालों का माथा ठनका. क्योंकि उसकी पत्नी ने लड़के को जन्म दिया था. अब सवाल यह उठता है कि बच्चा या बच्ची एक या दो दिन पहले पैदा हुई और उसकी मौत भी हो गई तो आठ से दस दिन की बच्ची का शव उन्हें क्यों और कैसे दिया गया ? इस मामले में दोनों निजी अस्पताल के डाक्टरों का पुलिस ने बयान लिया है. दोनों डाक्टरों ने कहा है कि लड़की ही पैदा हुई थी.

परिजनों ने अस्पताल के बाहर और मुख्यालय पर किया था हंगामा

गौरतलब है कि जब अस्पताल में परिजनों को मृत बच्ची का शव सौंपा गया था तो उन्होंने अस्पताल के बाहर हंगामा कर दिया था. बच्चा बदलने के आरोप के साथ ही निजी अस्पताल की व्यवस्था पर भी कई सवाल उठाए गए. उस समय पुलिस ने उन्हें समझाकर किसी तरह शांत कराया था. इसके बाद परिजनों ने जिला मुख्यालय पहुंचकर हंगामा किया था. अब अधिकारियों के निर्देश पर मामले की जांच हो रही है. जयंत वनवासी का कहना है कि जिस समय पत्नी को बच्चा पैदा हुआ तो उसे देखा गया था. वह लड़का था. दूसरे दिन उसकी मौत बताई गई. इसके बाद उन्हें जो शव सौंपा गया वह करीब दस दिन की लड़की का था.

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