भूटान का सर्वोच्च नागरिक सम्मान पाने वाले पहले विदेशी शासनाध्यक्ष बने पीएम मोदी

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लोकसभा चुनाव की तैयारियों के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दो दिवसीय भूटान दौरे पर पहुंचे हैं. पीएम मोदी को भूटान का सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया गया. भूटान का सर्वोच्च नागरिक सम्मान पाने वाले पीएम मोदी पहले विदेशी शासनाध्यक्ष बन गए हैं.

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140 करोड़ भारतियों को किया समर्पित

सम्मान ग्रहण करते वक्त का वीडियो साझा करते हुए पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि ‘भूटान द्वारा ‘ऑर्डर ऑफ द ड्रुक ग्यालपो’ पुरस्कार से सम्मानित होने पर गर्व महसूस कर रहा हूं. मैं इसे 140 करोड़ भारतीयों को समर्पित करता हूं.’ इसके साथ ही भारत और भूटान के बीच कुल 7 समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए. यह सभी समझौते पेट्रोलियम, ऊर्जा, खेल, मेडिकल प्रोडक्ट की टेस्टिंग से जुड़े हुए हैं.

केवल 4 लोगों को मिला है यह सम्मान

पड़ोसी देश के दौरे पर पहुंचे पीएम मोदी को भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक ने ‘ऑर्डर ऑफ द ड्रुक ग्यालपो’ से सम्मानित किया. देश की स्थापना के बाद से यह पुरस्कार केवल चार प्रतिष्ठित हस्तियों को प्रदान किया गया है. इससे पहले 2008 में महामहिम रॉयल क्वीन दादी आशी केसांग चोडेन वांगचुक, परम पावन जे थ्रिज़ुर तेनज़िन डेंडुप (भूटान के 68वें जे खेंपो) और 2018 में परम पावन जे खेंपो त्रुलकु न्गावांग जिग्मे चोएद्रा को यह सम्मान दिया जा चुका है.

प्रधानमंत्री का हुआ भव्य स्वागत

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भूटान की अपनी दो दिवसीय राजकीय यात्रा की शुरूआत शुक्रवार को की. उन्होंने यहां पहुंचकर भूटान के नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक से मुलाकात की. भूटान नरेश से मुलाकात से पहले मोदी का भव्य स्वागत किया गया. प्रधानमंत्री मोदी ‘पड़ोस प्रथम’ की नीति के तहत भूटान के साथ भारत के अनूठे संबंधों को और मजबूत बनाने के उद्देश्य से पहुंचे हैं. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वह खूबसूरत देश में ‘यादगार स्वागत’ के लिए भूटानी लोगों के आभारी हैं. उन्होंने भारत-भूटान मित्रता के ‘नयी ऊंचाइयां छूते रहने’ की आशा जताई.

विस्तारवादी सोच वाले चीन को दिया जवाब

जियोपोलिटिक्स एक्सपर्ट के अनुसार, इस यात्रा को भारत की तरफ से चीन को संदेश देना माना जा रहा है. चीन एक विस्तारवादी सोच वाला देश है. उसका अपने अधिकांश पड़ोसियों से जमीन विवाद है. चीन ने भारत समेत भूटान के भी कई हिस्सों पर अपना हक बताया था.

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