क्या हैं एकादशी का महत्व ? क्यों होती विष्णु संग शिव की पूजा…
हिंदू धर्म की सभी तिथियों में एकादशी तिथि सबसे विशेष मानी जाती है. सभी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है, लेकिन इन्हीं में से एक फाल्गुन महीने में पड़ने वाली एकादशी ऐसी है जिसमें भगवान विष्णु के साथ ही शिवजी और मां पार्वती की पूजा-अर्चना की जाती है. मान्यता है कि यह पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में आने वाली सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं. भगवान विष्णु के साथ ही उसे भोलेनाथ का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है जिससे व्यक्ति को सुख-सौभाग्य से लेकर धन की प्राप्ति होती है.
क्या हैं रंगभरी एकादसी की खासियत
रंगभरी एकादशी की खासियत यह है कि ये इकलौती ऐसी एकादशी है जिसमें भगवान विष्णु के अलावा, भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का बेहद महत्व है. आज हम आपको ये बताने की कोशिश करेंगे कि आखिर रंगभरी एकादशी पर शिव-पार्वती पूजा को क्यों खास माना जाता है. आमतौर पर सभी एकादशी पर श्री हरि की पूजा होती है, लेकिन ये एकमात्र ऐसी एकादशी है, जिसमें विष्णु जी के साथ भगवान् शिव और माता पार्वती की पूजा का विधान है. इस दिन लोग उन पर रंग और गुलाल डालकर होली खेलते हैं. इस दिन आंवले के पेड़ की भी पूजा का विधान है, इसलिए इस एकादशी को आमलकी एकादशी या आंवला एकादशी भी कहा जाता है.
क्यों मनाई जाती है रंगभरी एकादशी ?
पौराणिक कथाओं के अनुसार, रंगभरी एकादशी के दिन पहली बार भगवान शिव माता पार्वती का गौना कराकर उन्हें काशी लेकर आए थे. इसलिए फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी पर विष्णुजी के साथ शिव-गौरी की भी पूजा-उपासना की जाती है.
एकादशी का व्रत करने का क्या है महत्व?
कहा जाता है कि एकादशी व्रत की विधि विधान से पूजा की जाएं तो घर की आर्थिक स्थिति सुधरने के साथ सुख शांति भी बनी रहती है. इस विशेष दिन पूजा फलदायी मानी जाती है. कहते हैं कि इस दिन का व्रत करने वाले सभी का पापों का नाश होकर उसे पुण्य मिलता है.
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एकादशी के दिन कौन से रंग के कपड़े शुभ होते हैं ?
हिंदू मान्यताओं के अनुसार, किसी भी शुभ अवसर या फिर पूजा पाठ के दौरान काले रंग के कपड़ों को नहीं पहनना चाहिए. इसलिए सावन की पुत्रदा एकादशी के दिन काले रंग के कपड़े पहनने से बचें. भगवान विष्णु की असीम कृपा पाने के लिए इस दिन पीले रंग के वस्त्र धारण करना अत्यंत शुभ रहेगा.
written by – Harsh Srivastava