‘पारसी’ समाज ने धूमधाम से मनाया ‘नवरोज’

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पारसी समुदाय ने गुरुवार को अपना नव वर्ष ‘नवरोज’ धार्मिक उल्लास, पारंपरिक धूमधाम और दावतों के साथ मनाया। दुनिया भर में पारसी समुदाय के लोगों की संख्या 68,000 है। दिन की शुरुआत भोर में स्नान व प्रार्थना से हुई। लोगों ने अपने घरों को धूप जलाकर शुद्ध किया। इस मौके पर खास तौर से तैयार किए गए पारंपरिक परिधान भी पहने।

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नाश्ता सेव-रावो-मीठा दहीखाकर पूरे परिवार को बधाई दी

दादर की पारसी कॉलोनी में रहने वाले फिटनेस सलाहकार अरनाज आर. ईरानी ने कहा, “हमने पारंपरिक नाश्ता ‘सेव-रावो-मीठा दही’ खाया और पूरे परिवार ने एक दूसरे को शुभकामना दी।”

गले लगकर मिठाई खिलाकर एक दूसरे को बधाई दी

बाद में परिवार पास के पवित्र अग्नि मंदिर में गया और प्रार्थना की, एक-दूसरे को गले लगाकर नवरोज की शुभकामनाएं दीं और मिठाइयों का आदान-प्रदान किया।

लाल मछली , मिठाईया सल्ली मारघी , बोटी मिठाईयो की रही हर तरफ धूम

ईरानी ने कहा इसके बाद दोपहर का भोजन किया गया। इसमें स्वादिष्ट लाल मछली पाटिया, सल्ली मारघी, सल्ली-बोटी, पीली दाल चावल, पारसी शैली का चिकन और मटन की बिरयानी व कई तरह के पेय व इसके साथ कई तरह की मिठाइयां भी शामिल रहीं।

दिवगत आत्माओं के लिये अग्नि मंन्दिर मे प्रर्थना हुई

नवरोज की पूर्व संध्या पर बुधवार को समारोह में पारसी समुदाय के युवकों ने पार्टी का आयोजन किया और बाद में दिवंगत आत्माओं के लिए अगियारी (पवित्र अग्नि मंदिर) जाकर प्रार्थना की। इसके साथ ही पूर्वजों को याद करने की दस दिनों की रस्म समाप्त हुई।

अन्य समुदायो से भी मिली शुभकामनाये

अन्य समुदाय के लोग भी पारसी परिवारों से मिलने गए और उन्हें नवरोज की बधाई दी। यह एकता अखण्डता के प्रतीक को सच साबित करता हैं ।

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