वाराणसी: भाजपाई हुए पूर्व सांसद व कांग्रेसी नेता राजेश मिश्रा
वाराणसी के पूर्व सांसद व कांग्रेस के कद्दावर नेता राजेश मिश्रा आज भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गये. कांग्रेस की राजनीति को लेकर पिछले कुछ दिनों से चर्चाओं का बाजार गरम था. इनके भाजपा में शामिल होने से इस पर विराम लग गया. ऐसे में आइये जानते हैं कौन हैं राजेश मिश्रा और क्यों उन्होंने कांग्रेस से किनारा कर लिया.
बीएचयू छात्रसंघ के रहे अध्यक्ष
वाराणसी की सियासत में राजेश मिश्र आश्वासन गुरु के नाम से भीजाना जाता है. उन्होंने काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) से छात्र राजनीति केरास्ते सियासत का पाठ पढ़ा. बीएचयू से दर्शन शास्त्र में एमए और पीएचडी की डिग्री हासिल की. युवाओं के बीच अच्छी घुसपैठ होने की वजह रही कि 80 के दशक में वहबीएचयू छात्रसंघ के अध्यक्ष निर्वाचित हुए.
नीचे से ऊपर तक पहुंचे
1996 से 2004 तक दो कार्यकाल के लिए वह उत्तर प्रदेश विधान परिषद (एमएलसी) के सदस्य रहे. 1999 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के शंकर प्रसाद जायसवाल के खिलाफ कांग्रेस ने उन्हें वाराणसी से अपना उम्मीदवार बनाया था. हालांकि इस चुनाव में वह हार गए. 2004 में राजेश मिश्र ने जायसवाल से अपनी हार का बदला ले लिया.लोकसभा चुनाव में उन्होंने शंकर प्रसाद को मात दी. साल 2009 में लगातार तीसरी बार कांग्रेस ने राजेश मिश्र पर भरोसा जताते हुए उन्हें टिकट दिया. इस चुनाव में बीजेपी से डॉ. मुरली मनोहर जोशी और बसपा से मुख्तार अंसारी मैदान में थे. वहीं, बीजेपी से बगावत करने के बाद अजय राय सपा के टिकट पर चुनाव में उतरे. माना जाता है कि इस चुनाव में वोटों के ध्रुवीकरण की वजह से राजेश मिश्र खिसककर चौथे नंबर पर चले गए. जोशी को 2 लाख 3 हजार 122, मुख्तार को 1 लाख 85 हजार 911, अजय राय को 1 लाख 23 हजार 874 और राजेश मिश्र को 66 हजार 386 वोट मिले थे.
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2014 में कांग्रेस ने नहीं दिया टिकट
2014 में बीजेपी के पीएम प्रत्याशी और वर्तमान पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ कांग्रेस ने अजय राय पर भरोसा जताते हुए मिश्र का टिकट काट दिया. तीन सालबाद हुए विधानसभा चुनाव में वाराणसी शहर दक्षिणी विधानसभा सीट काफी चर्चित रही.सात बार के बीजेपी विधायक श्यामदेव रॉय चौधरी उर्फ दादा का टिकट कटने के बाद पार्टीके लिए मुश्किल खड़ी हो गई थी. नीलकंठ तिवारी को बीजेपी ने मैदान में उतारा और कांग्रेस नेराजेश मिश्र को उनके खिलाफ मौका दिया. पीएम मोदी ने इस चुनाव में वाराणसी मेंरुककर प्रचार अभियान को धार दी थी और नीलकंठ तिवारी ने राजेश मिश्र को मात दे दी. 2019 के आम चुनावमें एक बार फिर कांग्रेस ने राजेश मिश्र को टिकट दिया. हालांकि इस बार उन्हेंगृहक्षेत्र देवरिया जिले की सलमेपुर सीट से उतारा गया, लेकिन महज 27 हजार 288 वोटों के साथ उनकीजमानत जब्त हो गई.