शेर्लोट्सविले में हुई हिंसा की घटना बेहद ‘भयानक’ : ट्रंप
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वर्जिनिया के शेर्लोट्सविले में बीते साप्ताहांत हुई नस्लीय हिंसा के लिए नियो-नाजी और श्वेत श्रेष्ठतावादी समूहों एवं वामपंथी प्रदर्शनकारियों, दोनों को जिम्मेदार ठहराया है। ट्रंप ने न्यूयॉर्क में ट्रंप टॉवर में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “एक और ऐसा समूह था जो बुरा है और दूसरी ओर ऐसा समूह था जो बेहद हिंसात्मक भी है। कोई भी यह कहने से बचेगा, लेकिन मैं यह स्पष्ट कहता हूं।”
प्रतिमाओं-स्मारकों को भी हटाना पड़ेगा
मीडिया मुताबिक, ट्रंप ने कहा कि शेर्लोट्सविले में हुई हिंसा की घटना बेहद ‘भयानक’ थी। उन्होंने साथ ही कहा कि प्रदर्शन में शामिल हुए सभी लोग नियो-नाजी या श्वेत श्रेष्ठतावादी नहीं थे। उन्होंने कहा कि रैली में कई लोग कन्फेडरेट जनरल (अमेरिकी गृहयुद्ध के दौरान दासता के समर्थक राज्यों की सेना के जनरल) रॉबर्ट ई. ली. की प्रतिमा हटाए जाने को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इतिहास की जिस व्याख्या के आधार पर रॉबर्ट की प्रतिमा को हटाने की दलील दी जा रही है, उस आधार पर तो जार्ज वाशिंगटन और थामस जैफरसन जैसे अमेरिकी नेताओं की प्रतिमाओं-स्मारकों को भी हटाना पड़ेगा क्योंकि वे भी गुलाम रखते थे।
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निंदा न करने को लेकर आलोचना की गई
ट्रंप ने कहा कि ऐसी प्रतिमाओं को हटाने का फैसला स्थानीय प्रशासन पर छोड़ दिया जाना चाहिए। ट्रंप ने साथ ही शेर्लोट्सविले में हुई हिंसा को लेकर अपनी पिछली प्रतिक्रिया का बचाव भी किया। ट्रंप की कु क्लक्स क्लान गिरोह, नियो-नाजियों और श्वेत श्रेष्ठतावादियों की स्पष्ट तौर पर निंदा न करने को लेकर आलोचना की गई थी।
श्रेष्ठतावादियों को इसके लिए स्पष्ट तौर पर जिम्मेदार नहीं ठहराया
उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि हिंसा की जिम्मेदारी को लेकर की गई उनकी शनिवार की टिप्पणी इसलिए स्पष्ट नहीं थी क्योंकि ‘मीडिया के विपरीत वह कोई भी बयान देने से पहले तथ्यों को जानते समझते हैं।’ट्रंप ने शनिवार को कहा था कि ‘नफरत, हिंसा और कट्टरता कई पक्षों की ओर से’ देखी गई। उन्होंने शर्लोट्सविले में मार्च आहूत करने वाले श्वेत श्रेष्ठतावादियों को इसके लिए स्पष्ट तौर पर जिम्मेदार नहीं ठहराया था।
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