चुनाव अभियान में बच्चों का उपयोग नहीं : चुनाव आयोग

चुनाव अभियान में शामिल न करें बच्चे

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नई दिल्ली: देश में आगामी अप्रैल- मई में होने वाले लोकसभा चुनाव ( loksabha chunav)  को लेकर आज चुनाव आयोग ने बड़ा फैसला दिया है. बता दें कि अब लोकसभा का चुनावी मोड अपने चरम पर आ चुका है. इसी कड़ी में चुनाव आयोग ने बच्चों के अलावा नाबालिगों को इसमें किसी भी तरह से शामिल नहीं करने को लेकर गाइड लाइन जारी की है.

चुनाव आयोग ( ECI) ने नोटिस जारी करते हुए कहा कि- देश के सभी राजनीतिक( Political party)  दलों को किसी भी रूप में चुनाव अभियान में बच्चों का उपयोग करने से बचना चाहिए. इसमें पोस्टर/पंपलेट का वितरण या नारेबाज़ी, चुनावी बैठकें और अभियान या रैलियों में भाग लेना जैसे कार्यक्रम शामिल हैं.

चुनाव अभियान में शामिल न करें बच्चे-

चुनाव आयोग ने देश के सभी राजनैतिक पार्टियों को स्पष्ट रूप से पत्र के माध्यम से निर्देशित किया है कि वे बच्चों को किसी भी प्रकार के चुनाव अभियान में शामिल न करें. इसमें रैलियां, नारे लगाना, पोस्टर या पंपलेट का वितरण या कोई अन्य चुनाव-संबंधित गतिविधि शामिल है. इसके अलावा राजनीतिक नेताओं और उम्मीदवारों को किसी भी तरह के प्रचार गतिविधियों में बच्चों का उपयोग नहीं करना चाहिए.

जिला चुनाव अधिकारी और रिटर्निंग अधिकारी निभाएंगे जिम्मेदारी

ECI ने नोटिस जारी करते हुए कहा कि इस सन्दर्भ में जिला चुनाव अधिकारी और रिटर्निंग अधिकारी बाल श्रम के बारे में अधिनियमों और कानूनों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए व्यक्तिगत जिम्मेदारी निभाएंगे. उनके अधिकार क्षेत्र के तहत उप-चुनाव मशीनरी के इन प्रावधानों के किसी भी उल्लंघन के परिणामस्वरूप गंभीर अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी.

पालन नहीं करने पर कार्रवाई तय

चुनाव आयोग ने प्रचार अभियान में बच्चों से संबंधित गाइडलाइन का पालन नहीं करने पर सख्त कार्रवाई करने की बात कही है. आयोग ने बताया है कि अगर कोई दल प्रचार अभियान में बच्चों को शामिल करता है तो बाल श्रम अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

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प्रचार के लिए राजनैतिक दल लेते हैं बच्चों का सहारा

गौरतलब है कि देश में कोई भी चुनाव हो सभी दल बच्चों के माध्यम से उनके माता- पिता तक सरकार का स्लोगन और गण पहुंचाने के लिए बच्चों का सहारा लेते हैं जिससे घर- घर राजनैतिक दल आसानी से पहुंच जाते हैं. चाहे 2014 का भाजपा का नारा हो हर- हर मोदी- घर घर मोदी या 2019 का अब की बार-फिर मोदी सरकार.

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