वाराणसी का गोदौलिया बिजली उपकेंद्र अब जीआईएस तकनीकी से संचालित होगा. जमीन न मिलने के कारण क्षमता वृद्धि के काम में बाधा आ रही है. ऐसी स्थिति में इस ओवरलोड बिजली उपकेंद्र को अब जीआईएस तकनीकी से संचालित करने का निर्णय लिया गया है. इस तकनीकी के जरिये उपकेंद्र को कम जगह में संचालित किया जा सकेगा.
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10 एमवीए की क्षमता वाले गोदौलिया उपकेंद्र से दशाश्वमेध, लक्सा, गोदौलिया, बांसफाटक, गणेश मोहाल, कोदई चौकी, भदैनी रोड क्षेत्र के लगभग पांच हजार उपभोक्ता जुड़े हुए हैं. यह उपकेंद्र 470 एम्पीयर तक लोड संभाल सकता है, जो अब 420 एम्पीयर तक पहुंच चुका है. यहा क्षमता वृद्धि के लिए विभाग ने प्रस्ताव भेजा था लेकिन जमीन के अभाव में मामला आगे नहीं बढ़ सका.
जमीन की अनुपलब्धता को देखते हुए विभाग ने तैयार किया प्रस्ताव
विभाग ने जमीन की अनुपलब्धता को देखते हुए यहां जीआईएस तकनीकी आधारित उपकेंद्र बनाने का प्रस्ताव तैयार किया है. इसके तहत उपकेंद्र के प्रथम तल पर 33 केवी व द्वितीय तल पर 11 केवी लाइन शिफ्ट कर 10 एमवीए का अतिरिक्त पावर ट्रांसफार्मर लगा दिया जाएगा. फिलहाल इस उपकेंद्र क्षेत्र में तमाम धार्मिक आयोजन होते रहते हैं. व्यवसायिक प्रतिष्ठानों की संख्या भी अधिक है. भविष्य में इस क्षेत्र और व्यवसायिक प्रतिष्ठान खुलेंगे और यात्रियों, दर्शनार्थियों का आवागमन बढ़ेगा. इससे विद्युत भार और बढ़ेगा. इसलिए इसकी क्षमता बढ़ जाने से समुचित विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकेगी. गोदौलिया को काशी का हृदयस्थल कहा जाता है. इसलिए यहां की बिजली व्यवस्था को दुरूस्त रखने की कवायद लम्बे समय से की जा रही थी.