India-Maldives Row: निकली हेकड़ी, अब भारत आने को आतुर मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू !

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India-Maldives Row: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर लक्षद्वीप की तस्वीरें क्या शेयर की मालदीव को तो जैसे मिर्ची लग गई…और ऐसी-वैसी मिर्ची नहीं लगी, बल्कि जहर उगलने वाली रही. इसका नतीजा ये हुआ कि वहां के तीन मंत्री पीएम मोदी के खिलाफ अनाप-सनाप बोलने लगे. दूसरी ओर  मामला उछला तो मालदीव सरकार की अकड़ ठिकाने आई. आनन फानन में उसने तीनों मंत्रियों को सस्पेंड कर दिया.

बता दें कि भारत से पंगा लेने के बाद वैश्विक मंच पर मालदीव साइड लाइन होता गया वहीं भारत की कुटनीति का परचम बुलंद होता गया. इजरायल ने तो उसी लक्षद्वीप में समुद्र के खारे पानी को शुद्ध पीने का पानी बनाने के भारत के प्रोजेक्ट पर काम शुरू करने की रजामंदी भी दे दी.

इधर, मालदीव ने लौट के बुद्धु घर को आए वाली कहावत को सच करते हुए अब राष्ट्रपति मो. मुइज्जू की भारत यात्रा का प्रस्ताव भेजा है. दूसरी ओर माले के हालिया हरकतों के बाद अब भारत मालदीव को ज्यादा तवज्जो देने के मूड में नहीं है. राजनयिक सूत्रों का कहना है कि भारत मुइज्जू की यात्रा को लेकर अब किसी तरह की जल्दबाजी में नहीं है. भारत राष्ट्रपति मो. मुइज्जू की यात्रा को ज्यादा तवज्जो नहीं दे रहा है तो इसके पीछे भी वजह मालदीव ही है. इसका कारण भी यह है कि  मालदीव की कुछ कुटनीतिक गलतियों ने भारत को नाराज किया है.

मुइज्जू को भारत क्यों नहीं दे रहा भाव ?

दरअसल, मालदीव सरकार ने मुइज्जू की पिछले साल नवंबर में भारत यात्रा की संभावना को लेकर बातचीत की थी…लेकिन दोनों पक्ष मुइज्जू की यात्रा को लेकर कोई तारीख तय करते उससे पहले ही मालदीव के राष्ट्रपति ने तुर्किये की यात्रा करने का प्लान बनाया. मालदीव के राष्ट्रपति चुने जाने के बाद मुइज्जू भारत नहीं बल्कि पहली यात्रा पर तुर्किये गए जो मालदीव की प्रथा के विपरीत था. आम तौर पर मालदीव में कोई भी मुखिया चुने जाने के बाद सबसे पहले भारत की यात्रा करता रहा है.

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फिर से यात्रा की पहल शुरू हुई तो इस बार मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू ने आनन-फानन में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के निमंत्रण को स्वीकार कर लिया. उनकी इस हरकत के बाद भारत ने भी अपना रुख कड़ा कर लिया जिससे उनकी यहां की यात्रा का मुहूर्त बिगड़ गया. भारत ने भी इसके बाद साफ कर दिया है कि वह फिलहाल मुइज्जू को बुलाना नहीं चाहता. भारत मालदीव के राष्ट्रपति के अगवानी के सही समय का इंतजार कर रहा है.

मुइज्जू का चीन दौरा 22 जनवरी को खत्म होने वाला है. भारत के लिए ये जरुरी है कि मुइज्जू की यह यात्रा सही वातावरण में हो. कारण पिछले दिनों दुबई में भी मुइज्जू की पीएम मोदी के साथ बैठक खुशनुमा नहीं रही थी. मुइज्जू मालदीव से भारतीय सैनिकों की वापसी पर अड़े थे. बाद में मालदीव लौटने पर उन्होंने कहा कि भारत माले से अपने सैनिक हटाने पर सहमत हो गया है जबकि भारत का कहना था कि दोनों पक्ष इस मामले के समाधान और कोशिश में जुटे हैं.

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