संसद की सुरक्षा में सेंध, क्रांति या भ्रांति
हिरासत में लिए गए कई बवालियों से पूछताछ में मिल रही हैरतअंगेज जानकारियां
नई दिल्ली: इतिहास के पन्नों में 13 दिसंबर वो काला दिन है जब 22 साल पहले भारत के लोकतांत्रिक मंदिर में घुस कर आतंकियों ने हमला किया था. कुछ उसी तरह की कहानी ठीक उसी दिन कल एक बार फिर दोहराने का कुत्सित प्रयास किया गया. संसद के दर्शक दीर्घा से सभागार में युवक के कूदने से सदन में अफरा-तफरी मच गई. सदन में उत्पात मचाने वाले युवक व उसके सहयोगियों को पकडे जाने के बाद जैसे जैसे जानकारी सामने आ रही है वैसे-वैसे हैरानी का स्तर भी बढ़ता जा रहा है.
आपको बता दें कि लोकसभा में गदर काटने वाले सागर शर्मा और मनोरंजन डी के साथ-साथ संसद परिसर में प्रदर्शन कर रहे अमोल और नीलम को हिरासत में लेकर प्रारंभिक पूछताछ की जा रही है जिसमें होश उड़ाने वाली बातें सामने आई हैं. पूंछतांछ में पता चला है कि संसद में घुसकर कथित क्रांति करने की साजिश एक साल से चल रही थी. इन षडयंत्रकारियों के एक हैंडलर का भी पता चला है जिसका नाम ललित झा है. इसने अपने इंस्टाग्राम पर आखिरी पोस्ट डाला था, ‘भारत को कुछ चाहिए तो वह है एक बम.’ इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि अपने ही देश और देशवासियों के खिलाफ कितना जहर भरा है ललित झा जैसे लोगों में.
आइए जानते हैं कि ललित झा की अगुवाई में सिरफिरों की इस टीम ने कैसे सालभर तक साजिश रची…
सेंध लगाने से पहले रेकी
सदन में हंगामा करने वालों से की गई पूछताछ के आधार पर जो कहानी निकल कर सामने आई है उससे पता चला है कि चार लोगों में से एक ने कथित तौर पर दो बार संसद की रेकी की थी. पहली बार मानसून सत्र के दौरान और दूसरी बार हाल ही में 18 सितंबर को संसद के विशेष सत्र के दौरान, जब नए संसद भवन का उद्घाटन हुआ था. शुरुआती पूछताछ में पता चला है कि वह और उसके साथी भगत सिंह फैन क्लब से जुड़े थे. जांच में आगे यह भी पता चला कि इस समूह के वामपंथी चरमपंथी समूहों से संबंध हो सकते हैं.
सालभर की साजिश और फिर…
खास बात यह है कि यह सभी आरोपी फेसबुक ग्रुप ‘भगत सिंह फैन क्लब’ का हिस्सा हैं. इनके बीच फोन पर हुई बातचीत (कॉल डिटेल) के विश्लेषण और उनकी शुरुआती पूछताछ से पता चला है कि आरोपी लगभग एक साल से एक-दूसरे के संपर्क में थे और कुछ महीने पहले मैसूरु में भी मिले थे. आरोपियों में से कम से कम एक ने बजट सत्र के दौरान संसद भवन में सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया था. सूत्रों ने बताया कि तब उन्हें पता चला कि सुरक्षाकर्मी आगंतुकों से उनके जूते उतारने या उनकी जांच नहीं करते हैं. बस क्या था, बना ली संसद में गदर मचाकर देश-दुनिया को दहलाने की साजिश.
जहर से भरे हैं सिरफिरे –
संसद पर हमले की 22वीं बरसी के दिन जब इनकी साजिश सफल रही तो ललित ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो भी अपलोड किया है. इस वीडियो में नीलम को संसद के बाहर धुआं छोड़ते हुए और नारे लगाते हुए दिखाया गया है. उसके आखिरी इंस्टाग्राम पोस्ट में लिखा है, ‘What India needs is a bomb।’ उसने कथित तौर पर बाहर से घुसपैठ का संचालन किया और वीडियो बनाकर अपने एक पार्टनर को भेजा जो एनजीओ चलाता है.
सीआरपीएफ को सौंपी गई जांच–
फिलहाल, इस मामले की जांच की जा रही है कि सिरफिरे सदन में कैसे पहुंचे और इनका क्या मकसद था. सरकार ने एक जांच समिति की घोषणा की. गृह मंत्रालय ने कहा, ‘लोकसभा सचिवालय के अनुरोध पर गृह मंत्रालय ने एक जांच का आदेश दिया है. जांच समिति का गठन सीआरपीएफ के डीजी अनिश दयाल सिंह के नेतृत्व में अन्य सुरक्षा एजेंसियों और विशेषज्ञों के सदस्यों के साथ किया गया है.’ इनके खिलाफ यूएपीए भी लगा दिया गया है. दिल्ली पुलिस ने बताया, ‘दिल्ली पुलिस ने संसद पर कथित हमले के मामले में एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 4 लोगों को गिरफ्तार किया है.
इन धाराओं में दर्ज हुआ मुक़दमा-
पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश), 452 (अतिक्रमण), 153 (दंगा भड़काने के इरादे से जानबूझकर उकसाना), 186 (लोक सेवक को कर्तव्य निर्वहन में बाधा डालना), 353 (लोक सेवक को कर्तव्य निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल) और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की धारा 16 और 18 के तहत मामला दर्ज किया है. वहीँ, मामले को आगे की जांच के लिए स्पेशल सेल को सौंपा गया है.’ पुलिस के मुताबिक, विक्की की पत्नी से भी पूछताछ की जा रही है.
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विक्की के घर जुटे सिरफिरे-
आपको बता दें कि अंजाम देने से पहले सभी सिरफिरों ने एक जगह मिलने के लिए तैयारी बनाई. तभी सभी ने विक्की के घर में मिलने की तैयारी की और सभी सिरफिरे एक मेट्रो स्टेशन में मिले जहाँ से उन्होंने अपने सहयोगी विक्रम उर्फ़ विक्की के घर में रुके. नई दिल्ली के एक अधिकारी ने बताया कि उनके साथ मनोरंजन डी शामिल हुए.