कालभैरव प्राकट्योत्सव कल, भक्त काटेंगे 1051 किलो का केक

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काशी के कोतवाल श्रीकाल भैरव जयंती 5 दिसम्बर, मंगलवार को मनाई जाएगी. मार्गशीर्ष कृष्ण अष्टमी को विशेषरगंज में बाबा काल भैरव का प्राकट्योत्सव भैरव अष्टमी के रूप में मनाया जाएगा. इस अवसर पर धार्मिक व सांस्कृतिक आयोजनों के साथ ही 1051 किलो का केक काटकर बाबा के चरणों में अर्पित किया जाएगा. मंदिर के पुजारी सुमित उपाध्याय ने बताया कि भैरव अष्टमी पर विशेष श्रृंगार, भोग आरती की जाएगी.

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कालभैरव जयंती 2023 पूजा मुहूर्त

काल भैरव जयंती के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त रात 11 बजकर 45 मिनट से देर रात 12 बजकर 39 मिनट तक है. काल भैरव जयंती के दिन का अभिजित मुहूर्त सुबह 11 बजकर 51 मिनट से दोपहर 12 बजकर 32 मिनट तक है.
काल भैरव जयंती को प्रीति योग रात 10 बजकर 42 मिनट से अगले दिन रात 11 बजकर 30 मिनट तक है. निशिता पूजा के समय प्रीति योग बना है. उससे पूर्व सुबह से विष्कंभ योग रहेगा. काल भैरव जयंती पर पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र रहेगा.

कालाष्टमी व्रत का नियम

काल भैरव जयंती या कालाष्टमी का व्रत कठिन होता है. इस व्रत में रात्रि जागरण का विशेष महत्व है. ऐसा कहा जाता है कि शुभ फल की प्राप्ति के लिए व्रत करने के साथ-साथ रातभर जाग कर काल भैरव की पूजा करनी चाहिए. कालाष्टमी व्रत के दौरान इस बात का विशेष ध्यान रखें की सुबह से शाम तक कुछ भी ना खाएं. अगर बिना भोजन के रहना संभव नहीं हो पा रहा है, तो फल, दूध का सेवन कर सकते हैं. अगले दिन काल भैरव की पूजा के बाद व्रत संपन्न होता है. इसके बाद ही व्रत का पारण करना चाहिए.

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