नीदरलैंड में पीवीवी सबसे बडी पार्टी बनकर उभरी
नई दिल्ली: देश ही नहीं दुनिया में भी अब हिदुत्व की आवाज तेज होने लगी है. नीदरलैंड के धुर दक्षिणपंथी नेता गीर्ट विल्डर्स ने भी अपने देश में भारत की नूपुर शर्मा का समर्थन किया है. गीर्ट विल्डर्स की पार्टी ऑफ फ्रीडम (पीवीवी) को एग्जिट पोल में संसद यानी हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स की कुल 150 सीटों में से 35 सीटों पर जीत मिलने का अनुमान है. पीवीवी के बाद लेबर-ग्रीन गठबंधन 25 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर है. पीवीवी को 2021 में 16 सीटें मिली थीं, जो अब 35 पर पहुंच गई हैं. पीवीवी के सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरने से गीर्ट के पीएम बनने की संभावना सबसे ज्यादा है. उनकी ये राजनीतिक बढ़त विश्लेषकों को चौंका रही है. इसकी एक वजह ये भी है कि उन्होंने चुनाव प्रचार में जमकर इस्लाम और यूरोपीय संघ के विरोध में बयान दिए थे. ऐसे में वह पीएम बने तो यूरोप की राजनीति पर भी इसके अपने असर हो सकते हैं.
आपको बता दें कि गीर्ट विल्डर्स ने अपनी पार्टी को लेकर नीदरलैंड में जमकर इस्लामिक विरोध में प्रचार और बयान दिए थे. इतना ही नहीं वह उस समय भारत में खूब चर्चा में रहे जब उन्होंने पैगंबर मोहम्मद पर विवादित बयान देने वाली भाजपा नेता नूपुर शर्मा का समर्थन किया था. इसके लिए उनको नीदरलैंड में काफी आलोचना का भी शिकार होना पड़ा था. इतना ही नहीं वह समय – समय पर इस्लाम विरोधी बयानबाजी करते रहे हैं. मौजूदा चुनाव में भी उन्होंने पब्लिक में हिजाब पहनने को गैरकानूनी घोषित करने, मस्जिदों को बंद करने और कुरान पर प्रतिबंध लगाने जैसी बातें कही हैं. इस्लाम के साथ-साथ यूरोपीय संघ (ईयू) का भी वह मुखर विरोध करते रहे हैं.
विवादों से हो पुराना नाता…
1998 में हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स के सदस्य बनने के बाद से ही गीर्ट विल्डर्स का विवादों से नाता शुरू हो गया था. क्यूंकि इनके ज्यादातर कैंपेन और राजनितिक इस्लाम विरोधी है. समय- समय पर यूरोपीय संघ पर भी बरसते रहे है और इमिग्रेशन के खिलाफ है. वहीँ, कुछ लोग इनको नेथरलैंड का डोनाल्ड ट्रंप भी कहते है. इस्लाम की सबसे पवित्र मानी जाने वाली किताब कुरान पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर चुके हैं. 2012 में गीर्ट विल्डर्स ने ‘मार्क्ड फॉर डेथ: इस्लाम्स वॉर अगेंस्ट द वेस्ट एंड मी’ नाम की किताब लिखी. अपने एक लेख में उन्होंने कहा था कि मुस्लिमों से नहीं लेकिन उनकी किताब और उनकी विचारधारा से जरूर नफरत करते हैं. गीर्ट साल 2008 में फितना नाम से एक फिल्म भी बना चुके हैं. जिसमें आतंकी घटनाओं को कुरान से जोड़ा गया है.
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प्रिटिंग प्रेस में काम करते थे पिता…
ग्रीट 1963 में नीदरलैंड के एक कस्बे वेनलो में पैदा हुए. इनके पिता एक प्रिटिंग कंपनी नें मैनेजर थे. गीर्ट ने कानून की पढ़ाई की. वह 2 साल इजरायल में रहे और अरब देशों में भी घूमे. यहां से लौटने के बाद ही गीर्ट ने इस्लाम विरोध में लिखना शुरू कर दिया और फिर राजनीति की तरफ मुड़ गए. 1997 में गीर्ट ने राजनीति में औपचारिक तौर पर एंट्री करते हुए लिबरल पीपल्स पार्टी फॉर फ्रीडम एंड डेमोक्रेसी (वीवीडी) को ज्वाइन किया और उट्रेच शहर की काउंसिल के मेंबर चुने गए.
साल 2006 में अपना दल पार्टी फॉर फ्रीडम (पीवीवी) बना ली. पीवीवी को तेजी से लोकप्रियता मिली और 2006 के संसदीय चुनाव में पार्टी ने 9 सीटें जीतकर अपनी अच्छी उपस्थिति दर्ज कराई. जो बढ़कर 2021 में 16 और मौजूदा चुनाव में 35 होने की उम्मीद है.