छठ पूजा का तीसरा दिन, जानें संध्या अर्घ्य शुभ मुहूर्त और महत्व

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Chhath Puja 2023 Day 3: 17 नवंबर को नहाय – खाय के साथ छठ पूजा आरंभ हुई है, इसके बाद खरना, अर्घ्य और फिर पारण किया जाता है. इस पर्व में विशेष तौर पर सूर्य देवता और छठ माता की पूजा की जाती है. मान्यता है कि,इस पूजा को करने से संतान प्राप्ति, संतान की रक्षा और सुख समृद्धि का वरदान मिलता है. यह महापर्व बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में चार दिनों तक मनाया जाता है, आज इस पूजा का तीसरा दिन है और आज संध्या को 19 नवंबर, छठ पूजा का तीसरा दिन है और आज संध्या अर्घ्य दिया जाएगा.

शुभ मुहूर्त

19 नवंबर या आज डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देंगे, आज सूर्यास्त 05 बजकर 26 मिनट पर होगा. वर्तमान में व्रती महिलाएं सूर्य को अर्घ्य देती हैं.

ऐसे करें पूजा

संध्या अर्घ्य, छठ पर्व का तीसरा दिन. यह चैत्र या कार्तिक महीने की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है, इस दिन सुबह से अर्घ्य की तैयारी होती है. प्रसादों में चावल के लड्डू और ठेकुआ शामिल हैं. छठ पूजा के लिए बांस की एक टोकरी ली जाती है, जिसमें पूजा के प्रसाद, फूल, फल, आदि अच्छे से सजाए जाते हैं. एक सूप में पांच प्रकार के फल और नारियल हैं.

सूर्योदय से पहले, लोग अपने पूरे परिवार को नदी के किनारे छठ घाट पर ले जाते हैं, महिलाएं छठ घाट की ओर जाते हुए भी गीत गाती हैं. इसके बाद व्रती महिलाएं डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर पांच बार उसे परिक्रमा करती हैं. सूर्य को अर्घ्य देते समय दूध और जल चढ़ाया जाता है. लोग सारा सामान लेकर घर आते हैं, घाट से वापस आने पर रात्रि में छठ माता के गीत गाते हैं.

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डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देने का महत्व

पौराणकि कथाओं के अनुसार, सूर्य सायंकाल अपनी पत्नी प्रत्यूषा के साथ रहते हैं, इसलिए प्रत्यूषा को छठ पूजा में शाम को सूर्य की अंतिम किरण से अर्घ्य देकर पूजा की जाती है. ज्योतिषियों का कहना है कि ढलते सूर्य को अर्घ्य देने से कई समस्याएं दूर हो सकती हैं. इसके अलावा कई सेहत समस्याएं भी दूर होती हैं.

 

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