नाबालिग लड़कियों का कृत्रिम गर्भाधान कराने वाले गिरोह का भंडाफोड़

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आईवीएफ सेंटर में सामाजिक व आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं व नाबालिग लड़कियों का कृ़त्रम गर्भाधान कराने व एग डोनेशन करानेवाले गिरोह का बुधवार को पर्दाफाश हो गया। कामयाबी बुधवार को वाराणसी की महिला थाना की पुलिस के हाथ लगी. इस मामले में पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें दो महिलाएं और दो पुरूष हैं।

मीडिया से आरोपितों को पुलिस ने कराया रूबरू

डीसीपी काशी जोन आरएस गौतम ने आरोपितों को मीडिया के सामने पेश किया। जानकारी दी कि गिरफ्त में आए लोगों का संगठित गिरोह है। इनमें सोनभद्र जिले के अनपरा क्षेत्र के ऑडी मोड़ के अनमोल जायसवाल, वाराणसी के भेलूपुर थाना क्षेत्र के खोजवां मोहल्ले की अनीता देवी, जैतपुरा थाना क्षेत्र के नक्खीघाट दलित बस्ती की सीमा देवी और यहीं के आशीष कुमार हैं। पुलिस ने इनके कब्जे से दो मोबाइल फोन बरामद किया है।

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नाबालिग लड़कियों का करते थे शारीरिक शोषण

डीसीपी ने बताया कि पुलिस को गोपनीय सूचना मिली थी कि चारों आरोपित नाबालिग लड़कियों को पैसे का लालच देकर कृत्रिम गर्भाधान कराते हुए एग डानेशन कराकर उनका शारीरिक शोषण भी करते हैं। गिरोह नाबालिग लड़कियों को कूटरचित दस्तावेज तैयार कराता है। शहर के एक नामी आईडीएफ सेंटर द्वारा कृत्रिम गर्भाधान कराने के उद्देश्य से दलालों के माध्यम से महिलाओं व नाबालिग लड़कियों का एग डोनेशन कराते हैं। इसके एवज में निःसंतान दम्पतियों से मुंहमांगी रकम वसूली जाती है।

कई बड़े चेहरे हो सकते हैं बेनकाब

पुलिस ने पकड़ाए चारों आरोपितों को धारा 363, 419, 420, 467, 471, 370ए, 36/42 आधार कार्ड अधिनियम 2016 व धारा 33 सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी अधिनियम 2021 के तहत मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया। पूछताछ में पुलिस को गिरोह से जुड़े कई नामचीन लोगों के नामों की जानकारी मिली है। पुलिस उनके बारे में साक्ष्य जुटा रही है। विवेचना आगे बढ़ी तो कई बड़े चेहरे बेनकाब हो सकते हैं।

किशोरी को पहनाया सिंदूर, मंगलसूत्र फिर कराया एग डोनेशन

महिला थानाध्यक्ष निकिता सिंह के अनुसार 17 वर्षीय किशोरी को 30 हजार रुपये का लालच देकर सीमा और उसके पति आशीष ने एग डोनेट करने के लिए तैयार किया था। सोनभद्र के रहने वाले अनमोल जायसवाल ने किशोरी का फर्जी तरीके से आधार कार्ड बनाया और उसकी उम्र बढ़ा दी। इसके बाद सीमा और आशीष ने किशोरी को सिंदूर, मंगलसूत्र पहनाया, फिर आईवीएफ सेंटर ले गए। ताकि किसी को कोई शक न हो।

30 हजार नगद के बजाय किशोरी को दिया सिर्फ मोबाइल

जैतपुरा की रहने वाली महिला ने 29 अक्तूबर को महिला थाना में मुकदमा दर्ज कराया। आरोप लगाया कि मोहल्ले की सीमा ने उसकी बेटी का एग डोनेशन कराकर ऊंचे दाम पर बेचा। अस्पताल की ओर से 30 हजार रुपये बेटी को दिए गए लेकिन सीमा ने 30 हजार में से सिर्फ 11500 रुपये मोबाइल खरीदने के लिए बेटी को दिए। शेष पैसा कमीशन के तौर पर रख लिए।

मां ने कहा, मेरी बेटी के साथ जो हुआ वह किसी और के साथ न हो

किशोरी की मां ने पुलिस के सामने हाथ जोड़ते हुए कहा कि मेरी कुंवारी बेटी के साथ जो हुआ, वह किसी और बेटी के साथ न हो। इसलिए आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले। अस्पताल के लोग गिरोह के सदस्यों से मिले हुए हैं। इनका लाइसेंस निरस्त हो। चिकित्सक, स्टाफ सभी गिरफ्तार होने चाहिए।

 

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