बिहार के बक्सर में रिश्तों को कलंकित करने वाली एक घटना साल 2012 में सामने आई थी, एक सगे पिता ने तांत्रिक के कहने पर शंतान प्राप्ति के लिए अपनी 2 नाबालिग बेटियों के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था। बक्सर के जिला कोर्ट में आज सुनवाई हुई जिसमें मां, मौसी और अन्य पांच लोगों को आरोपी साबित किया। अदालत 12 सितम्बर को सजा सुनाएगी।
सालों से पिता करता था दरिंदगी
मामले की जानकारी देते हुए पॉक्सो कोर्ट के विशेष लोक अभियोजक सुरेश कुमार सिंह ने बताया कि, साल 2012 से राजपुर थाना के एक गांव की रहने वाली दोनों नाबालिग बच्चियां अपने ही पिता की हवस का शिकार हो रही है। उन्होने बताया कि, आरोपी दंपत्ति को कोई पुत्र नहीं हो रहा था। जिसके लिए वे हरसंभव प्रयास भी कर रहे थे, इस दौरान उनकी मुलाकात स्थानीत तांत्रिक अजय कुमार से हुई। अजय कुमार के चक्कर में आ गए और उसी के सुझाव पर दोनों बच्चियों को हवस का शिकार बना डाला।
अनुष्ठान के नाम पर तांत्रिक के साथियों ने किया था दुष्कर्म
जिसके बाद उन्हे एक पुत्र की प्राप्ति भी हुई, इसके बाद खेल खत्म होता देख तांत्रिक ने बच्चे के ऊपर खतरा होने की बात बताते हुए अनुष्ठान की सलाह दी और इसके लिए दोनों बच्चियों को अनुष्ठान में शामिल किया। इस दौरान तांत्रिक समेत दो अन्य भी दोनों बच्चियों को हवस का शिकार बनाते रहे। जुल्म झेलने से तंग आई बच्च्यिां बाद में किसी तरह हिम्मत कर बक्सर पहुंच गईं और एक व्यक्ति को अपनी समस्या बताई, तब उस व्यक्ति ने दोनों बच्चियों को पुलिस के पास पहुंचाया।
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एक्शन में आई पुलिस
थाने में शिकायत दर्ज होने के साथ ये मामला तत्कालीन पुलिस अधीक्षक नीरज कुमार सिंह ने संज्ञान में आया, उन्होने 28 अप्रैल को महिला थाना में केस दर्ज करवाते हुए तत्काल सभी आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया।महिला थाना में दर्ज इस मामले की सुनवाई एडीजे 6 सह विशेष पॉक्सो कोर्ट के न्यायाधीश मनकामेश्वर प्रसाद चौबे की कोर्ट में स्पीडी ट्रायल के तहत चल रही थी।
कोर्ट सुना सकती है ये फैसला
इस मामले मे तमाम सवालो के जवाब और गवाहों के बयानों के अनुसार कोर्ट ने माता – पिता समेत कुल पांच लोगो को दोषी करार दिया है। सजा की बिंदु पर फैसला सुरक्षित कर लिया गया है । वहीं दोषियों की पहचान नाम राजपुर निवासी पिता विनोद कुमार सिंह, तांत्रिक अजय कुमार, माता निर्मला देवी और मौसी मंजू देवी के अलावा जयलाल सिंह के तौर पर हुई है। सजा के बिंदु पर 12 सितम्बर को फैसला सुनाया जाएगा। लोक अभियोजक ने बताया कि स्पीडी ट्रायल के तहत मामले की सुनवाई के बाद फैसला आने में एक साल से अधिक वक्त लग गया।