मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका, जारी रहेगा ASI सर्वे….
Gyanvapi Masjid Case: ज्ञानवापी मस्जिद में ASI सर्वे को लेकर मचे बवाल पर फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज कर सर्वे जारी रखने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले ने मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका देने का काम किया है। इसके साथ ही इस मामले की सुनवाई करते हुए CJI डी वी चंद्रचुड़ ने इलाहाबाद कोर्ट के फैसले को सही ठहराते हुए कहा है कि, सर्वे को जारी रखने का आदेश दिया है ।
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आपको बता दें कि, गुरूवार को इस मामले पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए मुस्लिम पक्ष की दलील को खारिज कर दिया था । इसके बाद मुस्लिम पक्ष ने इलाहाबाद कोर्ट के फैसले पर संतुष्टी न जताते हुए , सुप्रीम कोर्ट में न्याय की गुहार लगाई थी । जहां इस मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने भी इस याचिका खारिज कर दी है। आज ASI की टीम ने ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे शुरू कर दिया गया था । लेकिन सुबह 7 बजे से शुरू हुए सर्वे को 12 बजे बीच में ही रोक दिया गया । दरअसल, इसकी वजह जुमे की नमाज को बताया जा रहा है । वहीं , दूसरी वजह ये भी है कि, ASI सर्वे को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने वाला था । जिसकी वजह से हर किसी की निगाह इस फैसले पर टिकी हुई थी।
अदालत से वैज्ञानिक सर्वेक्षण की उठाई मांग
मामले की सुनवाई करते हुए CJI ने कहा कि, हाईकोर्ट के समक्ष सुनवाई के दौरान अतिरिक्त महानिदेशक ASI को सहायता के लिए बुलाया गया था। एडीजी एएसआई ने प्रस्तावित सर्वेक्षण की प्रकृति बताते हुए एक हलफनामा दायर किया है। एएसआई द्वारा दायर हलफनामे के पैरा 13- 20 को सुविधा के लिए निकाला गया है। हलफनामे के अलावा गवाह आलोक त्रिपाठी (एडीजी एएसआई) व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश हुए। एडीजी द्वारा दी गई दलीलें हाईकोर्ट के फैसले में दर्ज की गई हैं. वहीं, जिला न्यायाधीश का आदेश सीपीसी के आदेश 26 के दायरे में आता है. लिहाजा अदालत वैज्ञानिक सर्वेक्षण के लिए निर्देश दे सकती है।
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क्या है ज्ञानवापी मामले की पूरी कहानी ?
साल 1991 से इस पूरे विवाद की शुरूआत की गयी थी । 1991 में बनारस में ज्ञानवापी की जमीन पर मंदिर का दावा करते हुए याचिका दायर की गयी थी। इस याचिका में दावा किया गया कि, मुस्लिम शासक औरंगजेब के आदेश पर 16 वीं शताब्दी में उनके शासन काल में काशी विश्वनाथ के मंदिर के एक हिस्से को तोड़कर उस पर मस्जिद निर्माण कराया गया । इसके बाद यह मामला कोर्ट में तारीखे बदलता रहा है । साल 2019 में यह मामला फिर से गरमाया और इलाहाबाद हाईकोर्ट में एएसआई सर्वे करने को लेकर याचिका दायर की गयी थी ,हालांकि 2019 में इस सर्वे पर रोक लगाने का आदेश दिया गया था।