ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी विवाद मामले में कोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला, 21 जुलाई को अगली सुनवाई
देश का चर्चित ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी विवाद मामले में आज जिला जज एके विश्वेश की अदालत ने सुनवाई की। अदालत ने इस मामले में फैसले को सुरक्षित रख लिया है। अब कोर्ट 21 जुलाई को हिंदू और मुस्लिम पक्षों की दलीलों के आधार पर फैसला सुनाएगी। 16 मई को हिंदू पक्ष की ओर से यह याचिका दाखिल की गई थी। जिसमें वजूखाने को छोड़कर ज्ञानवापी के संपूर्ण परिसर की एएसआई सर्वे की मांग की गई थी।
हिंदू पक्ष ने की है ASI सर्वे की मांग
बता दें कि कोर्ट में हिंदू पक्ष की तरफ से विष्णु शंकर जैन ने कमल त्रिशूल स्वस्तिक जैसी आकृति ज्ञानवापी क्षेत्र में मिलने के बाद वजू खाने को छोड़कर ज्ञानवापी के संपूर्ण परिसर की एएसआई सर्वे की मांग की। हिंदू पक्ष ने कहा कि कोर्ट कमिश्नर की कार्यवाही के दौरान मस्जिद में हिंदू देवी देवताओं से जुड़ी हुई कई आकृतियां कलाकृतियां मिली हैं। ऐसे में इसकी जांच करानी जरूरी है। इस दलील पर हिंदू पक्ष की याचिका को स्वीकार करते हुए कोर्ट में ट्रायल की इजाजत दी गई।
मुस्लिम पक्ष ने कहा मंदिर था ही नहीं
वहीं 19 मई को इसपर मुस्लिम पक्ष की ओर से एक जवाब दाखिल किया गया। जिसमें औरंगजेब को एक अच्छा मुगल शासक बताते हुए यह कहा गया था कि ज्ञानवापी परिसर पहले से ही बना हुआ है। वहां पर कोई मंदिर नहीं था। आज कोर्ट में बहस के दौरान मुस्लिम पक्ष ने कहा कि जब मस्जिद में कोर्ट कमीशन की कार्रवाई हो चुकी है तो ऐसे में एएसआई सर्वे की क्या जरूरत है।
पिछले साल दाखिल हुई थी याचिका
साल 2022, दिसंबर में ही ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी से जुड़ी हुई वादिनी महिलाओं के द्वारा कोर्ट में एक अर्जी दाखिल की गई थी कि ज्ञानवापी विवाद मामले में एक ही नेचर की सभी याचिकाओं पर सुनवाई एक ही कोर्ट में किया जाए। वादिनी महिलाओं के एप्लीकेशन पर जिला जज की कोर्ट ने 22 मई को सभी केस को एक साथ क्लब करने का आदेश दिया था।
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