DRDO के वैज्ञानिक को हुआ था पाकिस्तानी जासूस से प्यार, प्रेमिका ले रही थी मिसाइल लॉन्चर की डिटेल्स
प्यार अंधा होता है, ये कहावत भारतीय वैज्ञानिक प्रदीप कुरुलकर की क्राइम कहानी पर सटीक बैठती है। पाकिस्तानी महिला जासूस के प्यार में फंसकर वैज्ञानिक कुरुलकर ने खुद को जेल की चार दीवारों में कैद कर लिया। गिरफ्तार वैज्ञानिक ने प्यार में सुध-बुध खोकर मिलिट्री सिस्टम की गोपनीयता को साझा कर देश को भी खतरे में डाल दिया।
पाकिस्तानी जासूस के प्यार में फंसकर अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के वैज्ञानिक प्रदीप कुरुलकर हनीट्रैप का शिकार हुए थे। गिरफ्तारी के बाद वैज्ञानिक प्रदीप कुरुलक ने कई बड़े खुलासे किए हैं। प्रदीप कुरुलक पाकिस्तानी महिला जासूस की ओर आकर्षित थे। जिसके चलते पाकिस्तानी महिला इंटेलिजेंस ऑपरेटिव उनसे भाारतीय डिफेंस प्रोजेक्ट के साथ-साथ भारतीय मिसाइल सिस्टम की भी जानकारी निकलवा रही थी।
अश्लील बातकर लेती थी मिसाइलों की जानकारी
महाराष्ट्र पुलिस के आतंकवाद विरोधी दस्ते (ATS) के दाखिल आरोप पत्र में कई खुलासे किए गए हैं। इस दाखिल आरोप पत्र में कहा गया है कि डीआरडीओ के वैज्ञानिक प्रदीप कुरुलकर पाकिस्तानी महिला इंटेलिजेंस ऑपरेटिव की ओर अधिक आकर्षित थे। पाकिस्तान की महिला जासूस ने प्रदीप कुरुलकर को अपना नाम जारा दासगुप्ता बताया था। पाकिस्तानी महिला जासूस ने वैज्ञानिक प्रदीप कुरुलकर को अश्लील वीडियो और मैसेज भेजकर प्यार का जाल बुना था। इसके बाद धीरे-धीरे पाकिस्तानी एजेंट जारा ने वैज्ञानिक से भारतीय मिलिट्री सिस्टम की जानकारी मांगनी शुरू की। इसके बाद उसने वैज्ञानिक से ब्रह्मोस लॉन्चर, ड्रोन, यूसीवी, अग्नि मिसाइल लॉन्चर और मिलिट्री ब्रिजिंग सिस्टम के बारे में संवेदनशील जानकारी प्राप्त करने की भी कोशिश की।
फरवरी में वैज्ञानिक ने किया था नंबर ब्लॉक
एटीएस के मुताबिक, दोनों जून 2022 से दिसंबर 2022 तक संपर्क में थे। उनकी गतिविधियां संदिग्ध पाए जाने के बाद डीआरडीओ द्वारा आंतरिक जांच शुरू कर दी गई थी। इसी बीच प्रदीप कुरुलकर ने फरवरी 2023 में जारा का नंबर ब्लॉक कर दिया था। उन्हें जल्द ही एक अन्य अज्ञात भारतीय नंबर से एक वॉट्सऐप मैसेज मिला। जिसमें पूछा गया कि आपने मेरा नंबर क्यों ब्लॉक किया? आरोप पत्र में कहा गया है कि चैट रिकॉर्ड से यह भी पता चला है कि उसने अपने व्यक्तिगत और आधिकारिक कार्यक्रम और स्थानों को उसके साथ साझा किया था, यह जानते हुए भी कि उसे उन्हें किसी के साथ साझा नहीं करना चाहिए था।
वॉयस व वीडियो कॉल पर करती थी बात
एटीएस ने आरोप पत्र में बताया है कि प्रदीप कुरुलकर और जारा दासगुप्ता वॉट्सऐप के साथ-साथ वॉयस और वीडियो कॉल के जरिए संपर्क में थे। दासगुप्ता ने खुद को यूके में रहने वाली एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर बताया और अश्लील संदेश और वीडियो भेजकर उससे दोस्ती की। एटीएस ने आरोप पत्र में कहा कि जांच के दौरान उसका आईपी पता पाकिस्तान का पाया गया।
वैज्ञानिक ने जारा को दी थी मिसाइलों की डिटेल्स
आरोप पत्र में ये भी कहा गया है कि कुरुलकर ने डीआरडीओ की संवेदनशील जानकारी अपने निजी फोन पर जुटाई थी। फिर कथित तौर पर इन जानकारियों को जारा के साथ शेयर किया था। उन्होंने जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइलों (एसएएम), ड्रोन, ब्रह्मोस और अग्नि मिसाइल लॉन्चर्स और यूसीवी सहित विभिन्न परियोजनाओं के बारे में उनसे बातचीत की।
3 मई से हिरासत में हैं वैज्ञानिक कुरुलकर
गौरतलब है कि महाराष्ट्र पुलिस के एटीएस ने पुणे में डीआरडीओ की एक प्रयोगशाला के निदेशक कुरुलकर के खिलाफ पिछले हफ्ते एक अदालत में आरोप पत्र दायर किया था। जिसके तहत वैज्ञानिक प्रदीप को 3 मई को आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। तब से ही वैज्ञानिक प्रदीप कुरुलकर न्यायिक हिरासत में हैं।
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