गंगा घाटों के विक्रेताओं को मिला अज़ब फरमान, ग्राहकों से लेनी होगी 05 रु सिक्योरिटी मनी

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उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में वाराणसी नगर निगम ने गंगा घाटों के दुकानदारों को अजब-गजब फरमान जारी किया है। इस आदेश के तहत अब वाराणसी के गंगा घाटों के दुकानदारों को ग्राहकों से धरोहर राशि (सिक्योरिटी मनी) के रूप में 05 रुपये लेने  होंगे। जब दुकानदार विक्रय की जाने वाली सामग्री की धरोहर राशि ग्राहकों से जमा कराएगा, उसके बाद ही ग्राहकों को उसकी सामग्री विक्रय की जाएगी। आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि जो दुकानदार बिना धरोहर राशि जमा कराए ही सामग्री विक्रय करेगा तो वाराणसी नगर निगम द्वारा उस दुकानदार पर कार्यवाही की जाएगी। इसके साथ ही दुकानदारों को अपनी दुकान के पास एक डस्टबिन भी रखनी होगी, जिससे घाटों पर गंदगी ना फैले।

विक्रेताओं को लेनी होगी ग्राहकों से धरोहर राशि

दरअसल, 3 जुलाई को वाराणसी नगर निगम ने गंगा घाट के दुकानदारों को यह आदेश जारी किया है। इसमें कोई भी सामान खरीदने से पहले दुकानदार ग्राहकों से सिक्योरिटी मनी जमा करने का आदेश जारी किया है। वाराणसी नगर निगम का यह आदेश गंगा घाटों के आसपास के समस्त क्षेत्रीय दुकानदार, ठेले, अस्थायी दुकानदारों व विक्रेताओं पर लागू होगा। ग्राहकों से सिक्योरिटी मनी के रूप में दुकानदार केवल 5 रुपये जमा करा सकते हैं। इन विक्रेताओं द्वारा प्लास्टिक के थैले, बोतलों आदि में खाद्य पदार्थ, पेयजल या किसी भी प्रकार की समाग्री की विक्रय के लिए 05 रुपये की धरोहर राशि जमा करानी होगी। वाराणसी नगर निगम के आदेश के अनुसार यह धरोहर राशि रखने के बाद ही ग्राहक को दुकानदार अपनी सामग्री विक्रय कर सकेंगे।

ग्राहकों को वापस दे दी जाएगी धरोहर राशि

आदेश कॉपी में वाराणसी नगर निगम ने यह भी स्पष्ट किया है कि संबंधित ग्राहक द्वारा खरीदी गई सामग्री के इस्तेमाल करने के उपरान्त प्लास्टिक का थैला, पैकेट, बोतल आदि जब वापस कर दी जाए तो संबंधित दुकानदार द्वारा जमा की गई धरोहर राशि को ग्राहक को लौटाना होगा। यदि किसी भी दुकानदार, ठेले, अस्थायी दुकानदारों द्वारा बिना 5 रुपये की धरोहर धनराशि जमा कराये प्लास्टिक में सामग्री का विक्रय किया जाता है। तो संबंधित दुकानदार के विरुद्ध नियमानुसार कठोर कार्यवाही की जाएगी।

दुकान के पास 2 डस्टबिन अनिवार्य

गंगा घाटों के आसपास साफ-सफाई को ध्यान में रखते हुए नगर निगम ने दुकानदारों को डस्बिन रखने के लिए भी कहा है। दुकानदारों को आदेशित किया गया है कि सभी दुकानदारों द्वारा सूखा एवं गीला कूड़ा को एकत्र करने हेतु अलग-अलग डस्टबिन का रखना अनिवार्य होगा। इस तहर से दुकानदारों को दुकानों के  पास दो डस्टबिन रखनी होगी।

प्लास्टिक से सुरक्षित रहेंगे गंगा घाट 

गौरतलब है कि वाराणसी नगर निगम द्वारा यह फरमान गंगा घाटों को प्लास्टिक से बचाने के लिए जारी किया गया है। इस आदेश के बाद अब पर्यटक घाटों के पास प्लास्टिक बोतल या अन्य प्रदूषित धातुएं नहीं ले जा सकेंगे। इससे गंगा घाट की सफाई में मदद मिलेगी। नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला ने कहा कि इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस की थीम “प्लास्टिक से समाधान ” निर्धारित की गई है। प्लास्टिक से बने पदार्थों ने हमारे पर्यावरण और माता की तरह हितकारिणी नदियों को बहुत नुकसान पहुंचाया है। कहा कि प्लास्टिक एक ऐसी बुराई है जिसका उत्पादन और उपयोग मानव जाति द्वारा किया जाता है भले ही यह पर्यावरण के लिए बहुत बड़ा खतरा है।

गंगा नदी में मिला था प्लास्टिक कचरा

बता दें कि शनिवार, 2 जून को दशाश्वमेध से राजेंद्र प्रसाद घाट तक नमामि गंगे और 137 सीईटीएफ बीएन (प्रादेशिक सेना) 39 जीआर गंगा टास्क फोर्स ने गंगा को प्लास्टिक से बचाने की मुहिम चलाई थी। गंगा की तलहटी से सिंगल यूज़ पॉलिथीन में भरी हुई पूजन सामग्रियों को बड़ी तादाद में बाहर निकाला था। गंगा को प्रदूषित कर रही सामग्रियों को निकालकर कूड़ेदान तक पहुंचाया गया था। इस मुहिम में नागरिक भी शामिल हुए थे। ध्वनि विस्तारक यंत्र से लोगों को गंगा किनारे पॉलीथिन का इस्तेमाल न करने की अपील भी की गई थी। इसी के तहत अब यह आदेश जारी कर दिया गया है।

 

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