क्या है फिजी से हिंदी भाषा का नाता ? कैसे बन गई वहां की राजभाषा

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लखनऊ: दुनिया भर के लगभग हर देश में, हर कोने में भारतीय रहते हैं. कुछ देश तो ऐसे हैं जहां भारतियों की संख्या बहुत ज्यादा है. ऐसे देशों को अगर हम मिनी हिन्दुस्तान कहें तप गलत नहीं होगा. दक्षिण प्रशांत महासागर के मेलानेशिया में भी ऐसा ही एक द्वीपीय देश है, जहां की तक़रीबन 37 फीसदी आबादी भारतीय मूल से ताल्लुक़ रखती है और वह सैकड़ों सालों से इस देश रहते चले आ रहे हैं. यही कारण है कि वहां की राजभाषा में हिंदी शामिल है, जो अवधी के रूप में विकसित हुई है.

कैसे फिजी में पहुंची हिंदी?

ये बात उस समय की है जब भारत पर अंग्रेजी हुकूमत का राज था और फिजी पर भी भी अंग्रेजों का ही कब्जा था. भारत्त में गन्ने की खेती बहुत अच्छी खासी होती थी और यह के लोग उसमे काफी निपूर्ण थे. जिसके लिए अंग्रेज फिजी में गन्ने की खेती करने के लिए भारत से मजदूर लेकर जाते थे. जिसकी शुरुआत 1879 में हुई थी. 1879 से 1916 के बीच अंग्रेज बड़ी संख्या में भारत से मजदूर फिजी लेकर गए. जिनकी संख्या 60 हजार से ज्यादा बताई जाती है.

शुरू में तो अंग्रेजो ने भारतियों को इस खूबसूरत देश में लेकर आए थे. और फिर जिसके बाद से भारतीय यहां खुद से आने जाने लगे. वर्ष 1920 से 1930 के दशक में भारत से बड़ी संख्या में लोग अपनी मर्जी से फिजी गए और वहां जाकर बस गए. आज के वक्त में फिजी की अर्थव्यवस्था में भारत के लोग रीढ़ की हड्डी की तरह हैं. भारत को 1947 में इंग्लैंड से आजादी मिली और फिजी 1970 में आजाद हुआ. इसके बाद इस देश ने कई तख्तापलट देखे.

लेकिन 1997 में फिजी की राजभाषाओं में शामिल हुई हिंदी आज भी इस देश में शान से बोली जा रही है. जो अवधी के रूप में वहां विकसित हुई है. फिजी को छोटे भारत के नाम से भी पुकारा जाता है. यहां बड़ी संख्या में मिदिर मौजूद हैं, शिव सुब्रमन्य हिंदू मंदिर यहां का सबसे बड़ा मंदिर है जो नादी शहर में मौजूद है. यहां भारत की तरह ही रामनवमी, दीपावली और होली जैसे त्योहार मनाये जाते हैं.

हिन्दू आबादी के कारण, देश में है कई हिंदू मंदिर

बड़ी संख्या में भारतीयों के होने की वजह से इस देश में कई हिंदू मंदिर भी हैं. यहां का सबसे बड़ा मंदिर नादी शहर में स्थित है, जिसे श्री शिव सुब्रमन्या हिंदू मंदिर के नाम से जाना जाता है. फिजी में रहने वाले हिंदू हिंदुस्तान की तरह ही रामनवमी, होली और दिवाली जैसे त्योहार भी मनाते हैं.

322 द्वीपों से मिलकर बना फिजी द्वीप समूह

फिजी द्वीप समूह में 322 द्वीप हैं, जिनमें 122 द्वीपों पर लोग रहते हैं. विती लेवु और वनुआ लेवु ये दो द्वीप ऐसे हैं जहां इस देश की करीब 87 फीसदी आबादी रहती है. माना जाता है कि 15 करोड़ साल पहले यहां ज्वालामुखी फटने से द्वीप का निर्माण हुआ था. यहां कई द्वीपों पर अभी भी ज्वालामुखी फटते रहते हैं.

लेकिन इस फिजी की खूबसूरती पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है. इस द्वीपों के समूह में छुट्टी बिताने के लिए बड़ी संख्या में लोग आते हैं. हालांकि ये घूमने के लिहाज काफी महंगे देशों में से एक है.

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