उपराष्ट्रपति चुनाव : वेंकैया Vs गोपाल गांधी फैसला आज
राष्ट्रपति के बाद शनिवार यानी आज उपराष्ट्रपति के लिए वोटिंग हो रही है। मतदान की प्रक्रिया सुबह 10 से शाम 5 बजे तक चलेगी। आज शाम ही नतीजा भी घोषित किया जाएगा। इस चुनाव में एनडीए की तरफ पूर्व केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू मैदान में हैं तो यूपीए की तरफ से महात्मा गांधी के पौत्र गोपाल कृष्ण गांधी को सोनिया गांधी ने मैदान में उतारा है।
सबसे अहम बात यह है कि जेडीयू एनडीए की सहयोगी बनने के बाद भी यूपीए उम्मीदवार गोपाल कृष्ण गांधी को वोटिंग करेगी। इसका ऐलान महागठबंधन टूटने के पहले पार्टी अध्यक्ष नीतीश कुमार ने किया था और अब भी वे अपने इस फैसले पर कायम हैं। वहीं अगर दोनों सदनों के आंकड़ों को देखते हुए बात की जाए तो एनडीए प्रत्याशी वेंकैया नायडू का पलड़ा भारी है। हालांकि इसका फैसला शाम तक हो जाएगा। कि देश का अगला उपराष्ट्रपति कौन होगा..?
मतदान की प्रक्रिया
उपराष्ट्रपति के लिए लोकसभा और राज्यसभा के सांसद मतदान करते हैं। इसकी वोटिंग सीक्रेट बैलट के जरिये की जाती है। इसमें नामांकित सदस्य भी वोट देते हैं। इस चुनाव में बैलट पेपर पर कोई चुनाव चिन्ह नहीं होता बल्कि उम्मीदवारों के नाम होते हैं।
क्या कहता है वोटों का गणित
उच्च सदन (राज्यसभा)
निर्वाचित सदस्य- 233
मनोनीत सदस्य- 12
निम्न सदन ( लोकसभा)
सांसदों की संख्या- 543
मनोनीत सांसद- 2
दोनों सदनों के कुल संसद सदस्यों की संख्या- 790
क्या कहता है एनडीए का गणित
वैसे आंकड़े एनडीए उम्मीदवार वेंकैया नायडू के पक्ष में हैं। इसका कारण यह है कि 545 सदस्यीय लोकसभा में बीजेपी के 281 सदस्य हैं और पूरे राजग खेमे के पास यहां 338 मत हैं। राज्यसभा का आंकड़ा भी अब बीजेपी के पक्ष में हो गया है। बीजेपी के पास अब 58 सदस्य हो गए हैं। जबकि कांग्रेस के ऊपरी सदन में 57 मत हैं। इस सदन में भी अब एनडीए के पक्ष में आंकड़ा है। 493 सदस्यों के साथ नायडू को 394 मतों के जरूरी आंकड़ें को पार कर लेने की उम्मीद है।
क्या कहता है यूपीए का गणित
यूपीए प्रत्याशी और महात्मा गांधी के पौत्र गोपाल कृष्ण गांधी विपक्ष के उम्मीदवार हैं। उन्हें कांग्रेस, वामदल, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, द्रमुक, तृणमूल कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी और नेशनल कांफ्रेंस जेडीयू का समर्थन हासिल है। गोपाल गांधी को जरूरी मतों का आधा भी मिलने की उम्मीद नहीं है। वर्तमान उपराष्ट्रपति व राज्यसभा सभापति हामिद अंसारी का कार्यकाल 10 अगस्त को समाप्त हो रहा है। वह 11 अगस्त 2007 से इस पद पर हैं। 11 अगस्त 2012 को वह दोबारा इस पद पर चुने गए थे।
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