अब दिल्ली वालों को अपने शहर में मिलेगा कश्मीर शिमला जैसा नजारा , जानिए एलजी का क्या है खास प्लान
यमुना की तटवर्ती क्षेत्रों की तस्वीर बदलने को लेकर दिल्ली के राज्यपाल वीके सक्सेना का लगातार काम कर रहे हैं जिसका दिखने को मिल रहा है. इसके साथ ही उन्होंने अधिकारीयों की दिशा निर्देश देते हुए सिमित समय में 11 किलोमीटर के तटवर्ती क्षेत्रों को पूरी तरह से बदलने का आदेश दिया. जिसके साथ ही पहले चरण में यमुना नदी साफ दिखाई दे रही हैं. वहीं इसके साथ यमुना के तटवर्ती क्षेत्रों में पौधरोपण, सुंदरीकरण के साथ ग्रीनरी मिशन को बढ़ावा दिया जाएगा और स्वछता अभियान जैसे कार्यों को लगातार गति दी जा रही हैं. और अब तटवर्ती क्षेत्रों में विशेष प्रकार का पौधारोपण होने से हिंदुस्तान के खूबसूरत और चर्चित राज्यों की झलक भी दिल्ली में ही देखने को मिलेगी.
यमुना के किनारे लगेंगे चेरी ब्लॉसम व चीनार के पौधे
दिल्ली में पहली बार यमुना के तटवर्ती क्षेत्रों में कई विशेष प्रकार के प्रजातियों के हजारों पौधे लगाए गए जिसमें चिनार और चेरी ब्लॉसम के पौधे भी शामिल हैं. इससे पहले कभी भी दिल्ली में ऐसे पौधे नहीं लगाए गए हैं. इसके साथ ही बोगनवेलिया, कनेर, सेमल और कचनार जैसे पौधे भी लगाए गए हैं. बता दें कि चेरी ब्लॉसम के पेड़ में सफ़ेद और गुलाबी रंगो के खूबसूरत फूल होते हैं. यह ज्यादातर शिलांग बेंगलुरु और शिमला जैसे शहरों में अधिक देखा जाता है. यहां की प्रकृति इस खास प्रकार के पौधों के लिए काफी अनुकूल होती है. वहीं चिनार के पेड़ को हम ज्यादातर जम्मू कश्मीर में देखते हैं जिससे अधिक पत्तीयां भी निकलती हैं. इन खास प्रकार के पौधों को लगने से यमुना के तटवर्ती क्षेत्रों की तस्वीर बदल जाएगी.जहाँ पहले इन क्षेत्रों से दुर्गन्ध और गंदगी की वज़ह से लोगों का गुज़रना मुश्किल हो जाता था वहीं ये खुसबूदार फूल अब लोगों को देश के दूसरे राज्यों की याद दिलाएंगे.
दिल्ली एलजी ने किया स्थलीय निरीक्षण
यमुना के तटवर्ती क्षेत्रों में स्वच्छता पौधारोपण सुंदरीकरण सहित अनेक कार्यों को गति देने के लिए उप राज्यपाल द्वारा अधिकारियों को लगातार दिशा निर्देश दिया जा रहा है. इसके अलावा वह खुद अधिकारियों के साथ यमुना के तटवर्ती क्षेत्रों का कई बार स्थलीय निरीक्षण कर चुके हैं. और सभवतः जून के अंतिम सप्ताह तक यमुना की बदलती तस्वीर भी दिखने लगेगी.
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