उत्तराखंड: आधा दर्जन से अधिक मस्जिदों पर लगा हजारों का जुर्माना, विरोध में उतरे मुस्लिम धर्म गुरु
उत्तराखंड के हरिद्वार में मस्जिदों आधा दर्जन से अधिक मस्जिदों पर बड़ी कार्रवाई हुई है. ध्वनि प्रदूषण को लेकर प्रशासन ने 7 मस्जिदों पर जुर्माना लगाया है. प्रत्येक मस्जिद पर 5 हजार रुपये का जुर्माना लगा है. ये मस्जिदें हरिद्वार में पथरी थाना क्षेत्र के कई गांवों की हैं. वहीं, प्रशासन की ऐसी कार्रवाई पर मुस्लिम धर्म गुरु सवाल उठा रहे हैं. ध्वनि प्रदूषण कर रहे मस्जिदों पर प्रशासन की कार्रवाई का दूसरे मस्जिद संचालक विरोध कर रहे हैं.
प्रशासन के मुताबिक, मस्जिदों में होने वाली अजान के लिए लगे लाउडस्पीकरों को सीमित आवाज में बजाने की चेतावनी दी गई थी. किसके बावजूद लाउडस्पीकर की आवाज कम नहीं की गई. जिसको लेकर पथरी थाना पुलिस और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट पर एसडीएम पूरन सिंह राणा ने 7 मस्जिदों पर 5-5 हजार रुपये का जुर्माना ठोका है. इसके अलावा, अन्य 2 मस्जिदों को ध्वनि प्रदूषण करने पर केवल चेतावनी देकर छोड़ दिया गया है.
एसडीएम पूरन सिंह राणा ने बताया
‘पथरी थाना क्षेत्र के कटारपुर, गुर्जर बस्ती, धनपुरा पदार्था, नसीरपुर कलां और इब्राहिमपुर कलां जैसे गांवों के मस्जिदों में तेज आवाज में लाउडस्पीकर बजाए जाने की शिकायतें मिल रहीं थी. साथ ही कुछ मस्जिदों पर बिना अनुमति के लाउडस्पीकर लगाए गए थे, जिसके बाद पथरी थाने और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने मौके पर जांच की तो मस्जिदों में तय मानकों का उल्लंघन पाया गया है. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के रिपोर्ट के आधार पर 7 मस्जिदों पर 5-5 हजार का जुर्माना और दो मस्जिदों को चेतावनी दी गई है. इसके साथ ही दोबारा ऐसे करने पर दोगुना जुर्माना लगाते हुए मुकदमा भी दर्ज कराया जाएगा.’
मस्जिदों पर हो रही प्रशासन की कार्रवाई के विरोध में मस्जिद संचालक उतरे हैं. एक मस्जिद के प्रबंधक मोहम्मद आरिफ ने कहा कि मस्जिदों से ध्वनि प्रदूषण नहीं हो रहा है. मस्जिदों पर जुर्माना लगाना ठीक नहीं है. गाड़ियों, मशीनों और डीजे से ध्वनि प्रदूषण होता है. प्रशासन को पहले उन पर कार्रवाई करनी चाहिए.
बता दें धनपुरा के अमित कुमार और तालिब हसन नाम के दो लोगों ने वर्ष 2022 में हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. इसमें बताया गया था कि पथरी थाना क्षेत्र के कुछ मंदिरों और मस्जिदों में जरूरत से ज्यादा तेज आवाज में अजान और आरतियां बजाने से हम परेशान हैं और आम लोगों की शांति भंग हो रही है.
इस याचिका पर सुनवाई के बाद उत्तराखंड हाईकोर्ट ने बिना अनुमति के किसी भी धार्मिक स्थल पर लाउडस्पीकर ना बजाने और मानकों के अंदर ही लाउडस्पीकर बजाने के निर्देश जारी किए थे. उधर, इस मामले में प्रशासन का कहना है की उत्तराखंड हाईकोर्ट के निर्देशों के तहत ही कार्रवाई की गई है.