टाटा मोटर्स ने आधिकारिक तौर पर फोर्ड इंडिया प्लांट का अधिग्रहण किया पूरा, जानिए कितने में हुई डील
टाटा मोटर्स आज भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया के सबसे बड़े कार निर्माताओं में शुमार है. टाटा मोटर्स का बिजनेस भारत समेत कई देशों में फैला हुआ है. 90 के दशक से पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट में एंट्री करने वाली टाटा मोटर्स के सामने एक वक्त ऐसा भी आया जब, उसे अपना बिजनेस बेचने के लिए अमेरिकी कंपनी फोर्ड (Ford) के पास जाना पड़ा था, यहां फोर्ड ने टाटा का बिजनेस खरीदने की पेशकश तो की, लेकिन अपमान भरे शब्दों से कुछ ऐसा कह दिया कि टाटा मोटर्स के लिए सब कुछ बदल गया. आज टाटा ने अपने अपमान का बदला कुछ इस अंदाज में लिया कि जानने के बाद आपका सिर गर्व से उठ जाएगा. इस तरह टाटा मोटर्स ने लिया बदला देखिए
टाटा मोटर्स ने अपनी एक अनुषंगी के जरिये फोर्ड इंडिया के साणंद संयंत्र का अधिग्रहण पूरा कर लिया है। कंपनी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। पिछले साल अगस्त में टाटा मोटर्स ने घोषणा की थी कि उसकी इकाई टाटा पैसेंजर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लि. (टीपीईएमएल) फोर्ड इंडिया के गुजरात के साणंद संयंत्र का 725.7 करोड़ रुपये में अधिग्रहण करेगी। टाटा मोटर्स ने शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कहा कि अनिवार्य शर्तों को पूरा करने और जरूरी नियामकीय मंजूरियां मिलने के बाद संबंधित पक्षों ने इस सौदे को पूरा कर लिया है और टीपीईएमएल ने साणंद संयंत्र का अधिग्रहण कर लिया है।
क्या-क्या ऐसेट्स शामिल हैं इस अधिग्रहण में…
टाटा पैसेंजर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लिमिटेड के जरिए किए गए इस अधिग्रहण में फोर्ड इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के साणंद प्लांट की पूरी जमीन और इमारतें, वाहन निर्माता प्लांट जिसमें मशीनरी के साथ इसके उपकरण भी शामिल हैं. इसके अलावा साणंद प्लांट के सभी कर्मचारियों का ट्रांसफर और सारे व्हीकल मैन्यूफैक्चरिंग ऑपरेशंस का ट्रांसफर भी इस डील के तहत टाटा मोटर्स की सब्सिडियरी के पास आ गया है.
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कर्मचारियों को किया गया ट्रांसफर…
इसके अलावा वाहन मैन्युफैक्चरिंग से जुड़े सभी कर्मचारियों को नौकरी की पेशकश की गई है. जिन कर्मचारियों ने TPEML की पेशकश को स्वीकार किया है उन्हें कंपनी में ट्रांसफर कर दिया गया है. वे 10 जनवरी से TPEML के कर्मचारी हो गए हैं.
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