क्रिसमस 2022: आज के दिन पहली बार बल्बों से सजाया गया था क्रिसमस ट्री, जानिए इस पर्व की मान्यताएं और रोचक कहानियां

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प्रत्येक वर्ष के दिसंबर महीने की 25 तारीख को क्रिसमस का पर्व मनाया जाता है. मुख्य रूप से ईसाई धर्म के लिए यह पर्व काफी खास होता है. इस दिन घरों और गिरिजाघरों में क्रिसमस ट्री को सजाया जाता है. वर्तमान में का क्रिसमस के पर्व को सभी धर्मों के लोग बड़े उत्साह के साथ मनाते है. घरों में रोशनी कर एक दूसरे को उपहार देकर बधाईयां देते हैं. इस पर्व में क्रिसमस ट्री का बेहद ही खास महत्व होता है. बता दें क्रिसमस ट्री को पहली बार वर्ष 1882 में आज ही के दिन थॉमस एडिसन के द्वारा बनाए गए बल्बों से सजाया गया था.

दुनिया भर में क्रिसमस से जुड़ी अनेक मान्यताएं और कहानियां प्रचलित हैं. जानिए उनके बारे में…

25 दिसंबर को लेकर मान्यता है कि ईसा के जन्म की खुशी में स्वर्ग के दूतों ने फर्न के पेड़ों को रोशनियों, फूलों और सितारों से सजा दिया था. उन्हीं की याद में क्रिसमस के दिन क्रिसमस ट्री को सफेद रुई, लाइट, टॉफियों और छोटे-छोटे उपहारों से सजाया जाता है.

Christmas Day 2022 Christmas Tree

 

क्रिसमस ट्री को सदाबहार फर (सनोबर) के नाम से भी जानते हैं. यह एक ऐसा पेड़ है जो कभी नहीं मुरझाता और बर्फ में भी हमेशा हरा भरा रहता है. सदाबहार क्रिसमस ट्री आमतौर पर डगलस, बालसम या फर का पौधा होता है, जिस पर क्रिसमस के दिन बहुत सजावट की जाती है.

Christmas Day 2022 Christmas Tree

 

कहा जाता है कि इस प्रथा की शुरूआत प्राचीन काल में मिस्रवासियों, चीनियों या हिबू्र लोगों ने की थी. यूरोपवासी भी सदाबहार पेड़ों से घरों को सजाते थे. ये लोग इस सदाबहार पेड़ की मालाओं, पुष्पहारों को जीवन की निरंतरता का प्रतीक मानते थे. उनका विश्वास था कि इन पौधों को घरों में सजाने से बुरी आत्माएं दूर रहती हैं.

आधुनिक क्रिसमस ट्री की शुरूआत पश्चिम जर्मनी में हुई. मध्यकाल में एक लोकप्रिय नाटक के मंचन के दौरान ईडन गार्डन को दिखाने के लिए फर के पौधों का प्रयोग किया गया जिस पर सेब लटकाए गए. उसके बाद जर्मनी के लोगों ने 24 दिसंबर को फर के पेड़ों से अपने घर की सजावट करनी शुरू कर दी. इस पर रंगीन पत्रियों, कागजों और लकड़ी के तिकोने तख्ते सजाए जाते थे.

विक्टोरिया काल में इन पर मोमबत्तियों, टॉफियों और बढिया किस्म के केकों को रिबन और कागज की पट्टियों से पेड़ पर बांधा जाता था. क्रिसमस ट्री को सजाने के साथ ही इसमें खाने की चीजें रखने जैसे सोने के वर्क में लिपटे सेब, जिंजरब्रैड की भी परंपरा है. इंग्लैंड में प्रिंस अल्बर्ट ने 1841 ईस्वी में विंडसर कैसल में पहला क्रिसमस ट्री लगाया था.

Christmas Day 2022 Christmas Tree

 

सदाबहार झाड़ियों और पेड़ों को ईसा युग से पहले से ही पवित्र माना जाता रहा है. इसका मूल आधार रहा है कि फर के सदाबहार पेड़ बर्फीली सर्दियों में भी हरे-भरे रहते हैं. इसी धारणा के चलते रोमन लोगों ने सर्दियों में भगवान सूर्य के सम्मान में मनाए जाने वाले सैटर्नेलिया पर्व में चीड़ के पेड़ों को सजाने का रिवाज शुरू किया था. साथ ही क्रिसमस ट्री सजाने के पीछे घर के बच्चों की उम्र लंबी होने की मान्यता भी प्रचलित है. इसी वजह से क्रिसमस पर इसे सजाया जाता है.

एक और मान्यता के अनुसार, हजारों साल पहले उत्तर यूरोप में क्रिसमस के मौके सनोबर के पेड़ को सजाने की शुरूआत हुई थी. तब इसे चेन की मदद से घर के बाहर लटकाया जाता था. ऐसे लोग जो पेड़ खरीद नहीं सकते थे, वे लकड़ी को पिरामिड का आकार देकर क्रिसमस ट्री के रूप में सजाते थे.

वर्ष 1947 में नॉर्वे ने ब्रिटेन को सदाबहार फर (सनोबर) का पेड़ दान करके द्वितीय विश्व युद्ध में मदद के लिए शुक्रिया किया था।

जानें अनूठे क्रिसमस ट्री के बारे में…

1- वर्ष 2015 में लिथुआनिया की राजधानी विल्नियस में ऐसा क्रिसमस ट्री बनाया गया, जिसमें प्रवेश करने पर आपको परीलोक जैसा अहसास हो.

Christmas Day 2022 Christmas Tree

 

2- लंदन में एक ऐसा क्रिसमस ट्री बनाया गया, जिसकी फोटोज ने पूरी दुनिया के बच्चों का मन मोह लिया. 14 मीटर ऊंचे इस विशालकाय क्रिसमस ट्री को बनाने में दो हजार आकर्षक खिलौने इस्तेमाल किए गए थे.

Christmas Day 2022 Christmas Tree

 

3- 2 साल पहले एस्टोनिया के राकवेरे शहर में मल्टी-कलर लाइटिंग ट्री बनाया गया. पुराने मकानों की रिसाइकिल्ड खिड़कियों से ट्री में रंग-बिरंगी रोशनी से चमकती 121 खिड़कियां लगाई गई.

Christmas Day 2022 Christmas Tree

 

4- दक्षिण अमेरिकी देश ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में वर्ष 2014 में रोड्रिगो डी फ्रीटस झील में तैरता हुआ खूबसूरत क्रिसमस ट्री बनाया गया था.

Christmas Day 2022 Christmas Tree

 

5- नॉर्वे के डोर्टमंड में जगमग करते 45 मीटर ऊंचे क्रिसमस ट्री को बनाने में कारीगरों को एक महीना लगा. इसे 1700 स्प्रूस ट्री को जोड़कर बनाया गया था और फिर इसके चारों तरफ शानदार लाइटिंग की गई थी.

6- वर्ष 2016 में संयुक्त अरब अमीरात में अबू धाबी के होटल अमीरात पैलेस होटल में सजाया गया. क्रिसमस ट्री करोड़ों रुपए के हीरे-जवाहरात और स्वर्ण आभूषणों से सजा खास ट्री था.

7- दुनिया का सबसे बड़ा कृत्रिम क्रिसमस ट्री श्रीलंका में है, इसे श्रीलंका के कोलम्बो में गॉल फेस ग्रीन पर बनाया गया था. यह 72.1 मीटर ऊंचा है जिसे स्टील, तार फ्रेम, स्क्रैप धातु और लकड़ी से बनाया गया है. इसमें 6 लाख एलईडी बल्ब लगाए गए हैं.

Christmas Day 2022 Christmas Tree

8- इटली के गुब्बियों शहर में हर साल 7 दिसंबर को दुनिया का सबसे बड़ा ‘अलबरो डी नाटाल’ क्रिसमस ट्री सजाया जाता है.  650 मीटर ऊंचे इस पेड़ को इंगीनो पहाड़ के ढलान पर बनाया जाता है, जिसे हरी, नीली, पीली और लाल लाइट्स के साथ सजाया जाता है.

Christmas Day 2022 Christmas Tree

 

9- रूस के मॉस्को शहर में स्थित गोर्की पार्क में लेटा हुआ यानि जमीन पर आड़ा पड़ा क्रिसमस ट्री सजाया गया था.

 

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